Magadh samrajya history in hindi

Magadh samrajya-Magadha was the founder of the oldest lineage of the great dynasty. Their capital was girivraj (raajagrh). Zaraasandh was the son of the great mass. magadh samrajya history in hindi-मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ थे। उनकी राजधानी गिरिव्रज (राजगृह) थी। ज़रासंध बृहद्रथ का पुत्र था Magadh samrajya-Magadha was the founder of the oldest lineage of the great dynasty.

बृहद्रथ वंश

मगध पर शासन करने वाला प्राचीनतम ज्ञात राजवंश बृहद्रथ वंश था। महाभारत और पुराणों से ज्ञात होता है कि प्रागैतिहासिक काल में चेदिराज वसु के पुत्र बृहद्रथ ने गिरिव्रज को राजधानी बनाकर मगध में स्वतंत्र राज्य स्थापित किया था। बृहद्रथ द्वारा स्थापित राजवंश को बृहद्रथ वंश कहा जाता है। इस वंश का सबसे प्रतापी शासक जरासंध था जो बृहद्रथ का पुत्र था।

हर्यक वंश

बिम्बिसार (544 ई.पू.- 492 ई.पू.) हर्यक वंश का प्रथम शक्तिशाली शासक था। इसे मगध साम्राज्य की महत्ता का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। इसकी राजधानी गिरिव्रज (राजगृह) थी। बिंबसार ने ही पहली बार मगध में एक सुदृढ शासन व्यवस्था की नींव डाली थी।बिम्बिसार के पश्चात उसका पुत्र अजातशत्रु (492- 460ई.पू) मगध का शासक बना तत्पश्चात अजातशत्रु का पुत्र हर्यक वंश का शासक बना।

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शिशुनाग वंश-

हर्यक वंश के एक अमात्य शिशुनाग ने हर्यक वंश के अंतिम शासक नागदशक को पदमुक्त कर शिशुनाग वंश की नींव डाली। उसने अवन्ति तथा वत्स पर अधिकार कर उन्हें मगध साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया था। शिशुनाग के पश्चात उसका पुत्र कालाशोक मगध का शासक बना जिसने पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया। इस वंश का अंतिम शासक नंदिवर्धन था।

नंद वंश-

महापद्मनंद नामक व्यक्ति ने शिशुनाग वंश का अंत कर नंद वंश की नींव डाली। इस वंश का अंतिम शासक धननंद, सिकंदर का समकालीन था। 323 ईसापूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरु चाणक्य की सहायता से धननंद की हत्या कर मौर्य वंश की नींव डाली।