Vilom Shabd (Antonyms )- विलोम शब्द का अर्थ होता है उल्टा, अर्थात उल्टा अर्थ रखने वाला शब्द। विलोम शब्द को विरुद्धार्थी शब्द or विपरीतार्थी शब्द भी कहा जाता है। इंग्लिश में ऐसे opposite words, Antonyms आदि नामों से जाना जाता है। Opposite words in Hindi. दूसरे शब्दों में परस्पर विपरीत अर्थ रखने वाले शब्दों को विलोम शब्द / विरुद्धार्थी शब्द कहते हैं। इन विपरीतार्थक शब्दों ( विरुद्धार्थी शब्द )की रचना कई प्रकार से होती है- कभी पूर्णतया कोई भिन्न शब्द विपरीत अर्थ में प्रयुक्त होता है और कभी मूल शब्द में ही उपसर्ग लगाकर विरोधी अर्थ देने वाला शब्द बना लिया जाता है।
विलोम शब्द का अर्थ है- उल्टा। यहां विशेष रूप से ध्यान देने की यह बात है कि- शब्द का विलोम उसी व्याकरणिक कोटि का होगा जिसका वह मूल शब्द है। विलोम शब्द हमेशा सजातीय ही होते हैं अर्थात संज्ञा का विलोम संज्ञा, सर्वनाम का विलोम सर्वनाम और विशेषण का विलोम विशेषण ही होगा। इसी प्रकार क्रिया का विलोम क्रियापद और क्रिया विशेषण का क्रिया विशेषण होता है। Opposite Words के निर्माण में उपसर्गों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन उपसर्गों से विलोम शब्द बनते हैं वह इस प्रकार है।
"अ"उपसर्ग जोड़कर - संभव-असंभव, न्याय-अन्याय, लौकिक-अलौकिक, हिंसा-अहिंसा, सामान्य-असामान्य।
"अप "उपसर्ग जोड़कर - यश-अपयश, उत्कर्ष- अपकर्ष, मान-अपमान, कीर्ति अपकीर्ति आदि।
"अन "उपसर्ग जोड़कर -अनंगीकार, उत्तरित-अनुत्तरित, अस्तित्व अनस्तित्व, अभिज्ञ-अनभिज्ञ।
"निस्,निष् निश् "उपसर्ग जोड़कर - पाप-निष्पाप, सक्रिय-निष्क्रिय, शुल्क-नि:शुल्क, सचेष्ट- निश्चेष्ट।
"निर "उपसर्ग जोड़कर - अभिमान-निरभिमान, सापेक्ष-निरपेक्ष, आदर-निरादर, सामिष-निरामिष, सलज्ज -निर्लज्ज।
"वि "उपसर्ग जोड़कर - सम्मुख-विमुख, राग-विराग, देश-विदेश, योजन-वियोजन।
"प्रति "उपसर्ग जोड़कर - आगामी-प्रतिगामी, वादी-प्रतिवादी, घात-प्रतिघात, रूप-प्रतिरूप, आगमन-प्रत्यागमन आदि।
"दुर"उपसर्ग जोड़कर - सुबोध -दुर्बोध, सुव्यवस्थित- दुर्व्यवस्थित, सज्जन-दुर्जन आदि।
"कु"उपसर्ग जोड़कर-सुपात्र-कुपात्र, सुपुत्र-कुपुत्र, सुपाच्य-कुपाच्य, माता-कुमाता आदि।
अतिवृष्टि-अनावृष्टि IAS-93,03,RAS-90,94,07,UKPCS-04
अपेक्षा-उपेक्षा MPPCS-89,UPPCS-94,06
अमृत-विष APO-88
अमर-मर्त्य RO-2013
अर्वाचीन-प्राचीन RAS-84,88,IAS-85,UPPCS-99,05
अनभिज्ञ-भिज्ञ LOW SUB-02,MPPCS-89UPPCS-02
अनुकूल-प्रतिकूल IAS-79,85,98,05
अनुराग-विराग BPSC-95,UPPCS-89,05
अक्षर-क्षर UPPCS-2001
असली-नकली UPPCS-2012
अथ-इति UPPCS-06
अल्पज्ञ-बहुज्ञ UPPCS-91,96,03,06,07
अत्यंत-अनत्यंत UPPCS-04
अधम-उत्तम/ श्रेष्ठ/ महान UPPCS-90,96,01
अनुलोम-विलोम/ प्रतिलोम IAS-82
अंतरंग-वहिरंग MPPCS-86
अंतर्मुखी-बहिर्मुखी UPPCS-08
अधोगामी-उर्ध्वगामी APO-96
अंतर्द्वंद-बहिरद्वंद UPPCS-08
अनिवार्य-वैकल्पिक UPPCS-08
अवलंब-निरालम्ब UPPCS-95
अचल-चल IAS-84
अटल-चंचल BPSC-02.07
असीम-सीमित LOW SUB-98
अर्पित-ग्रहित UPPCS-10
आदान-प्रदान APO-94,98
आदर-निरादर IAS-86,96,08
आस्तिक-नास्तिक UPPCS-81,97,IAS-85
आकाश-पाताल UPPCS-88,92,97,05
आस्था-अनास्था BPSC-95
आकर्षण-विकर्षण IAS-98,99,RAS-98,99,MPPCS-96,UPPCS-84,96,98,BPSC-02
उत्थान-पतन UPPCS-97,98,07
उन्मुख-विमुख UPPCS-10,IAS-82
उत्कर्ष-अपकर्ष UPPCS-98,04,06,12,RO-2013
उन्मुख -बिमुख UPPCS-10
ऋजु- वक्र UPPCS-05,IAS-82,02,RAS-03,07
एकत्र-विकीर्ण UPPCS-87
एकाग्र -चंचल UPPCS-03
औपचारिक-अनौपचारिक IAS-94
कृतज्ञ- कृतघ्न BDO-76,RAS-88,90,94,APO-94,04,08,UPPCS-84
कनिष्ठ-वरिष्ठ UPPCS-93,99,06,RAS-05,BPS-85
कुसुम-वज्र UPPCS-2011
कीर्ति -अपकीर्ति UPPCS-96
कृत्रिम-स्वाभाविक UPPCS-03,10,
खंडन-मंडन UPPCS-02,2011
गुरु-शिष्य APO-97,MPPCS-85,01
गृहस्थ - सन्यासी BPSC-82,05
गुप्त-प्रकट IAS-81,04,UPPCS-96,07
धृणा - स्नेह/ प्रेम IAS-91,99,05
चेतन-अचेतन/ जड़ -UPPCS-97,98
चुस्त-सुस्त UPPCS-09
छल- निश्छल LOW SUB-03
जड़-चेतन BDO-89,UPPCS-83,97,98
जंगम - स्थावर MPPCS-89,01,06,UPPCS-01
जागृत-सुप्त UPPCS-2004
जटिल- सरल UPPCS-13
ज्येष्ठ -कनिष्ठ MPPCS-91,03,UPPCS-88,97,00,04
तरल-ठोस RAS-91
तृष्णा -वितृष्णा UPPCS-97,10
निद्रा-जागरण UPPCS-2000
निर्माण- विध्वंस BDO-81,90,IAS-91,05
निरामिष- आमिष UPPCS-02
प्रत्यक्ष -प्रोक्ष UPPCS-04,08,RO-2013
पल्लवन-संक्षेपण UPPCS-04
प्रफुल्ल-म्लान MPPCS-87,UPPCS-2004
परमार्थ-स्वार्थ UPPCS-09
प्रतिकूल-अनुकूल IAS-83,2000
पाश्चात्य-पौवार्त्य RAS-85,98,IAS-85,08
प्राचीन-अर्वाचीन IAS-85,08,UPPCS-99
प्रवृत्ति-निवृत्ति UPPCS-12,BPSC-95,RAS-87
पूर्ववर्ती-परवर्ती/ उत्तरवर्ती UPPCS-12,BPSC-95,RAS-87
मूक- वाचाल BPSC-95,UPPCS-99,04,05,RAS-91
विधवा-सधवा IAS-80,90,MPPCS-90,UPPCS-02,06,12
वैमनस्य- मैत्री/सौमनस्य UPPCS-04,MPPCS-89,04,
व्यस्टि-समिस्ट MPPCS-87,01,RAS-89,01,UPPCS-99,05,08
सापेक्ष-निरपेक्ष MPPCS-86,05
हर्ष-विषाद IAS-85,01,05,MPPCS-85,86,05,08,UPPCS-00,04,BPSC-08
शब्द - विलोम | शब्द - विलोम | शब्द - विलोम |
अकाल - सुकाल | अकलुष-कलुष | उत्साह - अनुत्साह |
सोत्साह - निरुत्साह | अग्रिम - अन्तिम | अति -अल्प |
अनंत - अंत | वृष्टि - अनावृष्टि | अजल - निर्जल |
अनुकूल - प्रतिकूल | अनभिज्ञ- - भिज्ञ | अनुरक्ति -विरक्ति |
अनित्य - नित्य | अतुकान्त - तुकान्त | अनाहूत - आहुत |
अर्वाचीन - प्राचीन | अपकार - उपकार | अवलम्ब - निरालम्ब |
अवनत उन्नत | अनाथ- सनाथ | अचल - चल |
अथ - इति | अन्तरंग - बहिरंग | अल्प - अधिक |
अन्तरंग- बहिरंग | अंतर - बाह्य | अल्पज्ञ - बहुज्ञ |
स्वीकार - अस्वीकार | आदर -अनादर | अंशतः - पूर्णतः |
अपेक्षित - अनपेक्षित | अल्पायु - दीर्घायु | अनुरक्त - विरक्त |
अतिवृष्टि - अनावृष्टि | अभ्यस्त - अनभ्यस्त | अतल - वितल |
अपकार - उपकार | अनागत - आगत | अनिष्ट - इष्ट |
अस्ताचल - उदयाचल | अनातुर - आतुर | अवरोह - आरोह |
रात - दिन | अपचार - उपचार | अनैतिहासिक - ऐतिहासिक |
अमावस्या - प्रूर्णिमा | अमर - मर्त्य | अरूचि - सुरूचि |
उत्कर्ष - अपकर्ष | इच्छा -अनिच्छ। | आकर्षण - विकर्षण |
अल्पायु -दीर्घायु | अक्रुर - क्रुर | अनुलोम- - विलोम |
अपेक्षा - उपेक्षा | अधम- उत्तम | अधर्म - सध्दर्म |
अज्ञ - विज्ञ | अथ - इति | अथ - इति |
आगामी - गत | अनुज - अग्रज | उर्वर - ऊसर |
आलस्य - स्फूर्ति | उत्कृष्ट - निकृष्ट | इहलोक – परलोक |
ईर्ष्या – प्रेम | इच्छित – अनिच्छित | ईश्वरवाद – अनीश्वरवाद |
उपयुक्त – अनुपयुक्त | उन्नयन – अवनयन | उष्ण – शीत |
विलोम शब्द का अर्थ है- उल्टा। यहां विशेष रूप से ध्यान देने की यह बात है कि- शब्द का विलोम उसी व्याकरणिक कोटि का होगा जिसका वह मूल शब्द है। विलोम शब्द हमेशा सजातीय ही होते हैं अर्थात संज्ञा का विलोम संज्ञा, सर्वनाम का विलोम सर्वनाम और विशेषण का विलोम विशेषण ही होगा। इसी प्रकार क्रिया का विलोम क्रियापद और क्रिया विशेषण का क्रिया विशेषण होता है। विलोम शब्दों के निर्माण में उपसर्गों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन उपसर्गों से विलोम शब्द बनते हैं वह इस प्रकार है।
"अ"उपसर्ग जोड़कर - संभव-असंभव, न्याय-अन्याय, लौकिक-अलौकिक, हिंसा-अहिंसा, सामान्य-असामान्य।
"अप "उपसर्ग जोड़कर - यश-अपयश, उत्कर्ष- अपकर्ष, मान-अपमान, कीर्ति अपकीर्ति आदि।
"अन "उपसर्ग जोड़कर -अनंगीकार, उत्तरित-अनुत्तरित, अस्तित्व अनस्तित्व, अभिज्ञ-अनभिज्ञ।
"निस्,निष् निश् "उपसर्ग जोड़कर - पाप-निष्पाप, सक्रिय-निष्क्रिय, शुल्क-नि:शुल्क, सचेष्ट- निश्चेष्ट।
"निर "उपसर्ग जोड़कर - अभिमान-निरभिमान, सापेक्ष-निरपेक्ष, आदर-निरादर, सामिष-निरामिष, सलज्ज -निर्लज्ज।
"वि "उपसर्ग जोड़कर - सम्मुख-विमुख, राग-विराग, देश-विदेश, योजन-वियोजन।
"प्रति "उपसर्ग जोड़कर - आगामी-प्रतिगामी, वादी-प्रतिवादी, घात-प्रतिघात, रूप-प्रतिरूप, आगमन-प्रत्यागमन आदि।
"दुर"उपसर्ग जोड़कर - सुबोध -दुर्बोध, सुव्यवस्थित- दुर्व्यवस्थित, सज्जन-दुर्जन आदि।
"कु"उपसर्ग जोड़कर-सुपात्र-कुपात्र, सुपुत्र-कुपुत्र, सुपाच्य-कुपाच्य, माता-कुमाता आदि।