Vachya in Hindi Grammar

Vachya in Hindi Grammar Thursday 21st of November 2024

Vachya in Hindi, वाच्य किसे कहते है, वाच्य के प्रयोग, Vachya in Hindi, Vachya Aur Vachya ke Bhed, karm Vachya examples in Hindi, Vachya in Hindi important tricks. वाच्य संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दु.

वाच्य की परिभाषा

  1. कर्ता, कर्म अथवा भाव के अनुसार क्रिया के लिंग, वचन तथा पुरुष का होना वाच्य (Vachya) कहलाता है। जैसे 
  2. उमा खाती है। कर्ता उमा के अनुसार क्रिया खाती है, स्त्रीलिंग, एकवचन तथा अन्य पुरुष 
  3. मैं पुस्तक पढ़ता हूं। कर्ता मैं के अनुसार क्रिया पढ़ता हूं पुलिंग, एकवचन तथा प्रथम पुरुष। 
  4. लड़के खेलते हैं। कर्ता लड़के के अनुसार क्रिया खेलते हैं पुलिंग बहुवचन तथा अन्य पुरुष। 
  5. वाच्य (Vachya) क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं, जिससे यह जाना जाए कि वाक्य में कर्ता के विषय में विधान किया गया है अथवा कर्म के विषय में अथवा भाव के विषय में। 

वाच्य के भेद

वाच्य मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। 
1. कर्तृवाच्य (Kirt Vachya )
2. कर्मवाच्य  (Karm Vachya )
3. भाववाच्य  (Bhav Vachya )

1. कर्तृवाच्य (Kirt Vachya)

कर्तृवाच्य (Kirt Vachay) क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं, जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्ता है, अर्थात क्रिया में कर्ता की प्रधानता है। 
जैसे-किरण पुस्तक पढ़ती है। यहां पढ़ती है क्रिया का कर्ता किरण वाक्य का उद्देश्य है। इस प्रकार पढ़ती है कर्तृवाच्य (Kirt Vachay) में है।

2. कर्मवाच्य  (Karm Vachya)

कर्मवाच्य  (Karm Vachya) क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं, जिस से ज्ञात होता है कि वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्म है, अर्थात क्रिया में कर्म की प्रधानता है।किरण द्वारा पुस्तक पढ़ी गई। यहां पढ़ी गई क्रिया का कर्म पुस्तक वाक्य का उद्देश्य है। अतः पढ़ी गई क्रिया कर्म वाच्य  (Karm Vachya) में है। 
इस वाक्य में कर्ता के आगे से, द्वारा, कारक चिन्ह लग जाते हैं, किंतु कर्म के आगे कारक चिन्ह नहीं लगता। जैसे- पुस्तक के आगे कोई चिन्ह नहीं है। 
बिना कर्ता  के भी कर्मवाच्य (Karm Vachya) बनते हैं। जैसे- पत्र भेज दिया गया। केवल पत्र कर्म का प्रयोग हुआ है। 

3. भाववाच्य (Bhav Vachya)

भाव वाचक क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं, जिससे यह ज्ञात होता है कि क्रियाओं में न तो कर्ता की प्रधानता होती है और न कर्म की, केवल भाव- प्रधान है। 
जैसे- सर्दी में उससे खेला नहीं जाता। यहां उससे कर्ता की प्रधानता न होकर केवल खेला नहीं जाता भाव की प्रधानता है। कर्म तो है ही नहीं। 

Vachya In Hindi

कर्तृवाच्य (Kirt Vachay) सकर्मक अकर्मक दोनों क्रिया में, कर्मवाच्य (Karm Vachay)केवल सकर्मक क्रिया में और भाव वाच्य (Bhav Vachay) केवल अकर्मक क्रिया में होता है। 

.

वाच्य परिवर्तन

कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य और भाववाच्य बनाना-

 

 

कर्तृवाच्य (Kirt Vachya)

कर्मवाच्य  (Karm Vachya)

भाववाच्य  (Bhav Vachya)

   1.

रचना कविता रचती है। 
 

रचना द्वारा कविता रची जाती है। 
 

  ----------------

   2.

वह लिख नहीं सका। 
 

    ---------------------

उससे लिखा नहीं जा सका। 

   3.

रवि ने अपने अनुज को पीटा। 
 

रवि द्वारा अपने अनुजा को पीटा गया। 

 --------------

   4.

मैं चल नहीं सकूंगा। 

        --------------

मुझ से चला नहीं जा सकेगा।