UPTET Syllabus in Hindi. UPTET Syllabus & परीक्षा पैटर्न (UPTET Syllabus & Exam Pattern) पेपर 1 और पेपर 2 को हम यहाँ पर उपलब्ध करा रहे है। UPTET Exam की तैयारी के लिए ये Syllabus और एग्जाम पैटर्न आप के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। UPTET (उत्तर प्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) नोटिफिकेशन के अनुसार इस परीक्षा का Syllabus & परीक्षा पैटर्न निम्न प्रकार है। UPTET syllabus 2021 in Hindi pdf download of UPTET syllabus 2021 in Hindi pdf download, UPTET 2021 syllabus in Hindi, UPTET syllabus 2021 in Hindi, UPTET syllabus in Hindi medium and many more.
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP TET December 2020) प्राथमिक स्तर की परीक्षा का परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम नीचे दिए गए नियमों के अनुसार होगी। UPTET Syllabus 2020-2021 and Download UP TET Latest Exam Pattern December 2020.
१-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (UPTET) परीक्षा प्राथमिक स्तर हेतु 150 प्रश्न का एक प्रश्न पत्र होगा जिसकी परीक्षा की अवधि 150 मिनट की होगी।
२-प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा। ऋण आत्मक मूल्यांकन नहीं होगा।
३-पात्रता परीक्षा के सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे जिनके चार विकल्प होंगे और एक विकल्प सही होगा।
४-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अभ्यर्थियों को 90 अंक प्राप्त करने होते हैं। वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 8 अंकों की छूट प्रदान की जाती है।
५-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीछा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है जो 5 वर्षों के लिए बैध होता है। UPTET Syllabus in hindi medium
परीक्षा की संरचना एवं विषय वस्तु निम्नानुसार होगी
प्रथम प्रश्न पत्र के विषय, प्रश्नों की संख्या, उनके लिए निर्धारित अंक एवं समय अवधि निम्न प्रकार है।
प्रश्न पत्र | भाग | विषय | प्रश्नों की संख्या | निर्धारित अंक | समयावधि |
प्रथम प्रश्न पत्र (I - IV) | I. | बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र | 30 MCQs | 30 Marks |
2 घंटा 30 मिनट |
Ii. | भाषा 1 -हिंदी | 30 MCQs | 30 Marks | ||
Iii. | भाषा 2 (संस्कृत/इंग्लिश/उर्दू. में से कोई एक) | 30 MCQs | 30 Marks | ||
Iv. | गणित एवं शिक्षाशास्त्र | 30 MCQs | 30 Marks | ||
V | पर्यावरण एवं शिक्षाशास्त्र | 30 MCQs | 30 Marks | ||
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| योग | 150 MCQs | 150 Marks |
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UP Teacher Eligibility Test (UPTET) Syllabus
(क) विषय वस्तु-
१-बाल विकास का अर्थ, आवश्यकता तथा क्षेत्र
२-बाल विकास की अवस्थाएं (शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था) एवं इन के अंतर्गत होने वाले विकास
३-व्यक्तित्व का विकास- अर्थ, प्रकार (अंतर्मुखी, बहिर्मुखी, उभयमुखी)
कल्पना और चिंतन का विकास
४-व्यक्तिक भिन्नता-अर्थ, कारक एवं महत्व
५-अधिगम:अर्थ, प्रति, प्रकार एवं विशेषताएं
६-प्रमुख संज्ञानात्मक एवं संवेगात्मक प्रक्रियांएं
अधिगम के सिद्धांत
७-बुद्धि:इस का अर्थ, परिभाषाऐं, IQ के संदर्भ में बुद्धि मापन
बुद्धि के सिद्धांत
८-विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे:श्रवण एवं दृष्टि दोष युक्त बच्चे,प्रतिभाशाली, पिछड़े तथा बाल अपराधी बच्चे
९-बालकों का निर्देशन एवं परामर्श
१०-विशिष्ट समूह शिक्षा की आवश्यकता व योजना बनाना:अध्यापक की सक्रियता
११-सृजनात्मकता
१२-मापन, आकलन,परीछा और मूल्यांकन
१३-लैंगिक भेद
१४-सामाजिक विकास
१५-शिक्षक के गुण एवं भूमिका
१६-मैकाले मिनट्स, वुड डिस्पैच, हंटर आयोग, गोखले विधेयक, वर्धा योजना, कोलकाता विश्वविद्यालय आयोग/ सैडलर आयोग, हर्टोग समिति, एबॉट -वुड रिपोर्ट, सार्जेंट रिपोर्ट
१७-भारत में शिक्षा का इतिहास UP Teacher Eligibility Test (UPTET) Syllabus
(ख) अधिगम और अध्यापन:-
१-बालक किस प्रकार सोचते व सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
२-अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालको की अधिगम कार्य नीतियां, सामाजिक क्रिया कलाप के रूप में अधिगम, अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
३-एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक की त्रुटियां को समझना।
४-बोध और संवेदनाएं।
५-प्रेरणा और अधिगम।
६-अधिगम में योगदान देने वाले करक- निजी एवं पर्यावरणीय।
(क) विषय वस्तु:-
१-अपठित अनुच्छेद (गद्यांश और पद्यांश.)
२- हिंदी वर्णमाला। (स्वर और व्यंजन)
३- वर्णों के मेल से मात्रिक तथा अमात्रिक शब्दों की पहचान ।
४- वाक्य रचना।
५- हिंदी के सभी ध्वनियों की पारस्परिक जानकारी।
६- संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण के भेद।
७- लिंग, वचन ,काल, कारक
८- ध्वनि
९-शब्दों की पहचान और उनमें अंतर।
१०-कवियों एवं लेखकों की रचनाएं।
११-अव्यय
१२-वाक्य रचना
१३-मुहावरे और उनके अर्थ
१४-शब्द रचना
१५-अर्थ
१६-समास
१७-संधि
१८-श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द
१९-उपसर्ग तथा प्रत्यय
२०-हिंदी शिक्षण शास्त्र
२१-हिंदी की विभिन्न विधाओं का शिक्षण UPTET Syllabus & Exam Pattern
(ख) भाषा विकास का अध्यापन:-
१-अधिगम और अर्जन।
२-भाषा अध्यापन के सिद्धांत।
३-सुनने और बोलने की भूमिका-भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
४-मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
५-एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां,भाषा की कठिनाइयां, तुर्टियां और विकार।
६-भाषा कौशल।
७-भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना-बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
८-अध्यापन- अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहु भाषी संसाधन।
९-उपचारात्मक अध्यापन।
1-Unseen passage.
2-The Sentence-
(A)Subject and predicate
(B) Kinds of sentences.
3- Parts of speech-Kind of noun, Pronoun, Adverb, Adjective, Verb, Preposition, Conjunction.
4-Tenses ((Present, Past, Future)
5-Modal auxiliaries
6-Common Errors
7-Determiners and Articles
8-Spelling Test
9-Synonyms and Antonyms
10-One word substitution
11-Direct and indirect speech
12-Preposition
13-Transformation of sentences
14-English teaching Pedagogy
15-Singular and Plural.
16-Gender.
(क) विषय वस्तु:-
१-संख्या पद्धति
२-भिन्न एवं दशमलव
३-जोड़ना और घटाना
४-गुड़ा तथा भाग
५-लघुत्तम समापवर्तक महत्तम समापवर्तक
६-वर्गमूल तथा घनमूल
७-प्रतिशतता
८-सरलीकरण
९-बीजगणित
१०-लाभ एवं हानि
११-अनुपात तथा समानुपात
१२-काम और समय
१३-समय, दूरी तथा चाल
१४-साधारण ब्याज
१५-क्षेत्रमिति
१६-ज्यामिति
१७-मापन प्रणाली
१८-पैटर्न
१९-सांख्यिकी
२०-गणित शिक्षण शास्त्र
२१-गणित का पाठ्यक्रम में स्थान
२२-गणित की भाषा
२३-शिक्षण की समस्याएं
२४-त्रुटि विश्लेषण और शिक्षण अधिगम संबंधी दृष्टिकोण
२५-निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण UPTET Syllabus & Exam Pattern
(ख )अध्यापन संबंधी मुद्दे:-
१-गणितीय/ तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटरनो तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्य नीतियों को समझना।
२-पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
३-गणित की भाषा।
४-सामुदायिक गणित।
५-औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन।
६-शिक्षण की समस्याएं।
७-त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रसांगिक पहलू।
८-नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण।
(क) विषय वस्तु:-
१-परिवार और मित्र
२-कार्य और खेल
३-संबंध
४-पशु
५-भोजन
६-पौधे
७-भ्रमण
८-पानी
९-आश्रय
१०-वे चीजें जो हम बनाते और करते है
११-पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन
१२-अधिगम सिद्धांत
१३-विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध
१४-क्रियाकलाप
१५-पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति
१६-प्रयोग/व्यावहारिक कार्य चर्चा
१७-पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा
१८-अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
१९-शिक्षण सामग्री/उपकरण
२०-सतत् व्यापक मूल्यांकन
२१-समस्याएं
(ख )अध्यापन संबंधी मुद्दे:-
१-पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति।
२-पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन।
३-पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरण शिक्षा।
४-अधिगम सिद्धांत।
५-विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध।
६-अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण।
७-क्रियाकलाप।
८-प्रयोग/ व्यावहारिक कार्य।
९-चर्चा।
१०-सतत व्यापक मूल्यांकन।
११-शिक्षण सामग्री /उपकरण।
१२-समस्याएं।
UPTET Syllabus & Exam Pattern
परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा जारी UP TET December 2020 उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम नीचे दिए गए नियमों के अनुसार होगी। UPTET Syllabus & Exam Pattern
१-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा उच्च प्राथमिक स्तर हेतु 150 प्रश्नों का एक प्रश्न पत्र होगा जिसमे कुल 4 भाग होंगे जिसकी परीक्षा की अवधि 150 मिनट की होगी।
२-इस परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा तथा कोई ऋण आत्मक मूल्यांकन नहीं होगा।
३-पात्रता परीक्षा के सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे जिनके चार विकल्प दिए होंगे जिसका कोई एक विकल्प सही होगा।
४-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा Paper 2 में उत्तीर्ण होने के लिए अभ्यर्थियों को 90 अंक प्राप्त करने होते हैं। वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 8 अंकों की छूट प्रदान की जाती है।
५-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है जो 5 वर्षों के लिए बैध होता है। UPTET Syllabus 2020 pdf
परीक्षा की संरचना एवं विषय वस्तु निम्नानुसार होगी
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा उच्च प्राथमिक स्तर हेतु प्रश्न पत्र के विषय, प्रश्नों की संख्या, उनके लिए निर्धारित अंक एवं समय अवधि निम्न प्रकार है।
प्रश्न पत्र | भाग | विषय | प्रश्नों की संख्या | निर्धारित अंक | समयावधि |
द्वितीय प्रश्न पत्र (Vi-Viii) | I. | बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र | 30 MCQs | 30 Marks |
2 घंटा 30 मिनट |
Ii. | भाषा 1 -हिंदी |
| 30 Marks | ||
Iii. | भाषा 2 (संस्कृत/इंग्लिश/उर्दू.में से कोई एक) |
| 30 Marks | ||
Iv | सामाजिक अध्ययन/ गणित व विज्ञान |
| 60 Marks | ||
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| योग | 150 MCQs | 150 Marks |
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UPTET Syllabus & Exam Pattern
UPTET उच्च प्राथमिक स्तर पाठ्यक्रम
(क) विषय वस्तु:-
१-विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका संबंध
२-बालकों के विकास के सिद्धांत
३-आनुवंशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
४-सामाजिकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण
५-जीन पियाजे, कोहल्बर्ग और बायो गोटस्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
६-बाल केंद्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणा
७-बौद्धिकता का निर्माण एवं बहुआयामी बौद्धिकता
८-भाषा और चिंतन
९-समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं, लिंग पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
१०-शिक्षार्थियों के मध्य व्यक्तिक विभेद
११-अधिगम के लिए मूल्यांकन
१२-सतत एवं व्यापक मूल्यांकन
१३-शिक्षार्थियों का मूल्यांकन
१४-विविध पृष्ठभूमि के शिक्षार्थियों की पहचान
१५-अधिगम संबंधी समस्याएं तथा कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकता
१६-मेघावी, सृजनशील तथा प्रतिभावान शिक्षार्थियों की समझ
१७-बच्चों में सोचना और सीखना
१८-शिक्षण अधिगम एवं अध्यापन की बुनियादी प्रक्रिया
१९-बालक: एक समस्या समाधान कर्ता तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में
२०-बालकों में अधिगम की वैकल्पिक अवधारणाएं
२१-अभिप्रेरणा और अधिगम
२२-अधिगम में योगदान देने वाले कारक UP TET Syllabus 2020 in hindi PDF Download
(ख) अध्ययन और अध्यापन-
१-बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
२-शिक्षण और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएं बालकों की अध्ययन कार्य नीतियां, सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम, अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
३-एक समस्या समाधान कर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
४-बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।
५-बोध और संवेदनाएं।
६-प्रेरणा और अधिगम।
७-अधिगम में योगदान देने वाले कारक- निजी एवं पर्यावरणीय।
(क) विषय वस्तु-
१-अपठित अनुच्छेद।
२-संज्ञा एवं संज्ञा के भेद।
३-सर्वनाम एवं सर्वनाम के भेद।
४-विशेषण एवं विशेषण के भेद।
५-किया एवं क्रिया के भेद।
६-वाच्य-कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य।
७-हिंदी भाषा की समस्त ध्वनियों, संयुक्ताक्षरओं, संयुक्त व्यंजनों एवं अनुस्वार एवं चंद्र बिंदु में अंतर।
८-वर्णक्रम, पर्यायवाची, विपरितार्थक, अनेकार्थक, समानार्थी शब्द।
९-अव्यय के भेद।
१०-अनुस्वार, अनुनासिक का प्रयोग।
११-"र" के विभिन्न रूपों का प्रयोग।
१२-वाक्य निर्माण।
१३-विराम चिन्हों की पहचान एवं उपयोग।
१४-वचन, लिंग एवं काल का प्रयोग।
१५-तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द।
१६-उपसर्ग एवं प्रत्यय।
१७-शब्द युग्म।
१८-समास, समास विग्रह एवं समास के भेद।
१९-मुहावरे एवं लोकोक्तियां।
२०-क्रिया- सकर्मक, अकर्मक।
२१-संधि एवं संधि के भेद।
२२-अलंकार (अनुप्राश,यमक, श्लेष,उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा,अतिश्योक्ति) UPTET Syllabus & Exam Pattern
(ख)-भाषा विकास का अध्यापन।
१-अधिगम अर्जन।
२-भाषा अध्यापन के सिद्धांत।
३-सुनने और बोलने की भूमि का, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
४-मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचन।
५-एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां, भाषा की कठिनाइयां,त्रुटियां और विकार।
६-भाषा कौशल। UPTET Syllabus & Exam Pattern
७-भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना-बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
८-अध्यापन- अधिगम सामग्री: पाठ्य पुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कछा का बहु भाषाई संसाधन।
९-उपचारात्मक अध्यापन।
1-Unseen passage .
2-Noun and its kinds .
3-Pronoun and its kinds .
4-Verb and its kinds.
5-Adjective and its kinds and degrees .
6-Adverb and its kind .
7-Proposition and its kinds .
8-Conjunction and its kinds .
9-Intersection.
10-Singular and plural .
11-Subject and predicate .
12-Negative and interrogative sentence .
13-Masculine and feminine gender .
14-Punctuation .
15-Suffix with Root Words .
16-Phrasal verbs.
17-Use of somebody, nobody, anybody .
18-Part of speech .
19-Narration .
20-Active voice and passive voice .
21-Antonyms and synonyms .
22-Use of request in sentence .
23-Silent letter in words.UPTET Syllabus & Exam Pattern.
(क) विषय वस्तु-
इतिहास-
इतिहास जानने के स्रोत।
पाषाण कालीन संस्कृति, ताम्र पाषाण संस्कृति, वैदिक संस्कृति।
छठी शताब्दी ईसा पूर्व का भारत।
भारत के प्रारंभिक राज्य।
भारत में मौर्य साम्राज्य की स्थापना।
मौर्योत्तर कालीन भारत, गुप्त काल, राजपूत कालीन भारत, पुष्यभूति वंश, दक्षिण भारत के राज्य।
इस्लाम का भारत में आगमन।
दिल्ली सल्तनत की स्थापना, विस्तार, विघटन।
मुगल साम्राज्य, संस्कृति, पतन।
यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन,अंग्रेजी राज्य की स्थापना।
भारत में कंपनी राज्य का विस्तार।
भारत में नवजागरण, भारत में राष्ट्रवाद का उदय।
स्वाधीनता आंदोलन, स्वतंत्रता प्राप्ति, भारत विभाजन।
स्वतंत्र भारत की चुनौतियां। UPTET Syllabus & Exam Pattern.
नागरिक शास्त्र-
हम और हमारा समाज।
ग्रामीण एवं नगरीय समाज व् रहन सहन।
ग्रामीण व नगरीय स्वशासन।
जिला प्रशासन।
हमारा संविधान।
यातायात सुरक्षा।
केंद्रीय व राज्य शासन व्यवस्था।
भारत में लोकतंत्र।
देश की सुरक्षा एवं विदेश नीति।
वैश्विक समुदाय एवं भारत।
नागरिक सुरक्षा।
दिव्यांगता। UPTET Syllabus & Exam Pattern.
भूगोल-
सौरमंडल में पृथ्वी ग्लोब-पृथ्वी पर स्थानों का निर्धारण, पृथ्वी की गतियां।
मानचित्रण, पृथ्वी के परिमंडल, स्थल मंडल- पृथ्वी की संरचना, पृथ्वी के प्रमुख स्थल रूप।
विश्व में भारत, भारत का भौतिक स्वरूप, मृदा, वनस्पतियां, भारत की जलवायु, भारत में आर्थिक संसाधन, यातायात, व्यापार व संचार।
उत्तर प्रदेश- भारत में स्थान, राजनीतिक विभाग, जलवायु, वनस्पति एवं वन्य जीव, कृषि, उद्योग धंधे, जनसंख्या एवं नगरीकरण।
धरातल के रूप, बदलने वाले कारक।
वायुमंडल, जलमंडल।
संसार के प्रमुख प्राकृतिक प्रदेश एवं जन जीवन।
खनिज संसाधन, उद्योग धंधे। UPTET Syllabus & Exam Pattern.
आपदा एवं आपदा प्रबंधन।
पर्यावरणीय अध्ययन-
पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधनों एवं उनकी उपयोगिता।
प्राकृतिक संतुलन।
संसाधनों का उपयोग।
जनसंख्या वृद्धि का पर्यावरण पर प्रभाव।
अपशिष्ट प्रबंधन, आपदाएं, पर्यावरणविद, पर्यावरण के क्षेत्र में पुरस्कार, पर्यावरण दिवस, पर्यावरण कैलेंडर।
गृह विज्ञान-
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, पोषण रोग एवं उनसे बचने के उपाय, खाद्य पदार्थों का संरक्षण, प्रदूषण, पाचन संबंधी रोग एवं सामान्य बीमारियां, गृह प्रबंधन, शारीरिक शिक्षा एवं खेल, व्यायाम, योग एवं प्राणायाम,राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, खेल और हमारा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा।
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे-
१-सामाजिक अध्ययन की अवधारणा और पद्धति।
२-कक्षा की प्रक्रियाएं, क्रियाकलाप और व्याख्यान।
३-विवेचित चिंतन का विकास करना।
४-पूछताछ/ अनुभवजन्य साक्ष्य
५-सामाजिक विज्ञान /सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं।
६-प्रोजेक्ट कार्य।
७-मूल्यांकन।
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