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UPPSC Syllabus in Hindi, UPPSC PCS Exam Syllabus 2019-20 Latest UPPSC PCS Syllabus 2019 UP PCS Mains Exam Syllabus 2018 UPPSC Provincial Civil Service Exam Pattern UP PCS Exam Pattern for Pre & Main Exam. UP PCS Exam Pattern & Syllabus.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होगी। UPPSC SYLLABUS
1. प्रारम्भिक परीक्षा (Preliminary Exam)
2. मेंस परीक्षा (Mains Exam)
3. साक्षात्कार (Interview)
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC PCS) की प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत बहुविकल्पीय प्रकार के 2 प्रश्न पत्र होते हैं, दोनों प्रश्नपत्र सभी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होता है। जिसका उत्तर ओएमआर शीट पर देना होता है। यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत प्रत्येक प्रश्नपत्र 200 अंकों का होता है तथा प्रत्येक प्रश्नपत्र के लिए समय अवधि 2 घंटे निर्धारित की गई है। यूपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (UPPSC PCS Preliminary Exam) के अंतर्गत प्रथम प्रश्न पत्र में 150 प्रश्न व दूसरे प्रश्न पत्र में 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। UPPSC SYLLABUS
Paper | Subject | No Of Questions | Max Marks | Exam Duration |
Paper-1 | सामान्य अध्ययन- I | 150 | 200 | 2 घंटे |
Paper-2 | सामान्य अध्ययन- II | 100 | 200 | 2 घंटे |
| योग | 250 | 400 |
|
१-प्रारंभिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्न पत्र अर्हकारी होगा जिसमें न्यूनतम 33% अंक प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
२-मूल्यांकन के उद्देश्य से अभ्यार्थियों को प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्न पत्रों में शामिल होना अनिवार्य है यदि कोई अभ्यार्थी दोनों प्रश्न पत्रों में सम्मिलित नहीं होता है तो वह अयोग्य हो जाएगा।
३-अभ्यर्थियों के मेरिट का निर्धारण उनके प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। UPPSC SYLLABUS
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ:- राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।
भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन:- इतिहास के अंतर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है। UPPSC SYLLABUS
भारत एवं विश्व का भूगोल:- विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख की जाएगी। भारत का भूगोल के अंतर्गत देश के भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल से सम्बंधित प्रश्न होंगे।
भारतीय राजनीति एवं शासन:-संविधान राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोक नीति, आधिकारिक प्रकरण आदि- भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अंतर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
आर्थिक एवं सामाजिक विकास:- सतत विकास, गरीबी, अंतर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र में हुए पहल आदि पर प्रश्न रहेंगे। अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके संबंधों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा। UPPSC SYLLABUS
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:- इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
सामान्य विज्ञान:- सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बंधित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
नोट- अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो। UPPSC SYLLABUS
1.कम्प्रिहेंसन (विस्तारीकरण)।
2.अंतर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें संप्रेषण कौशल भी समाहित होगा।
3.तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता।
4.निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।
5.सामान्य बौद्धिक योग्यता।
6.प्रारंभिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) अंक गणित, बीजगणित, रेखा गणित व सांख्यिकी।
7.सामान्य अंग्रेजी (हाई स्कूल स्तर तक)
8.सामान्य हिंदी (हाई स्कूल स्तर तक)
प्रारंभिक गणित हाईस्कूल स्तर तक के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किए जाने वाले विषय।
1.संख्या पद्धति:- प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय - अपरिमेय एवं वास्तविक संख्याएँ, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्याएँ। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य तथा उनमें सम्बन्ध।
2.औसत।
3.अनुपात एवं समानुपात।
4.प्रतिशत।
5.लाभ एवं हानि।
6.साधारण ब्याज एवं चक्रवृद्धि ब्याज।
7.काम तथा समय।
8.चाल, समय तथा दूरी। UPPSC SYLLABUS
1.बहुपद के गुणनखंड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य एवं उनमें सम्बन्ध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण।
2.समुच्चय सिद्धांत समुच्चय, उप-समुच्चय, उचित उप-समुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियायें (संघ, प्रतिछेद, अन्तर, समिमित अन्तर), बेन-आरेख।
(i) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण सम्बन्धी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल।
(ii) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धान के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल।
आंकड़ों का संग्रह, आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता, बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारम्बारता, आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माधय, माधियका एवं बहुलक। UPPSC SYLLABUS
1.Comprehension.
2.Active voice and passive voice.
3.Parts of speech.
4.Transformation of sentences.
5.Direct and Indirect Speech.
6.Punctuation and Spellings.
7.Word meanings.
8.Vocabulary and usage.
9.Idioms and phrases.
10.Fill in the blanks.
1.हिंदी वर्णमाला।
2.विराम चिन्ह।
3.शब्द रचना,वाक्य रचना, अर्थ।
4.शब्द रूप।
5.संधि।
6.समास।
7.क्रियाएं।
8.अनेकार्थी शब्द।
9.विलोम शब्द।
10.पर्यायवाची शब्द।
11.मुहावरे एवं लोकोक्तियां।
12.तत्सम एवं तद्भव, देशज विदेशज शब्द।
13.वर्तनी।
14.अर्थबोध।
15.हिंदी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियां।
16.उत्तर प्रदेश की प्रमुख बोलियां। UPPSC SYLLABUS
यूपीपीएससी पीसीएस की मुख्य परीक्षा (UPPSC PCS Mains Exam) में निम्नलिखित अनिवार्य तथा वैकल्पिक विषय होंगे जिनका पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है। अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को चुनना होगा जिसके दो प्रश्न पत्र होंगे। अनिवार्य विषयों यथा सामान्य हिंदी, निबंध तथा सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र,द्वितीय प्रश्न पत्र, तृतीय प्रश्न पत्र तथा चतुर्थ प्रश्न पत्र परंपरागत प्रकार के होंगे। इन प्रश्न पत्रों को हल करने की अवधि 3 घंटे की होगी। इसके अतिरिक्त वैकल्पिक विषय के प्रश्न पत्र हेतु 3 घंटे का समय निर्धारित है तथा वैकल्पिक विषय का प्रत्येक प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। UPPSC SYLLABUS
(अ) अनिवार्य विषय | निर्धारित अंक | |
1. | सामान्य हिंदी | 150 अंक |
2. | निबंध | 150 अंक |
3. | सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र, | 200 अंक |
4. | सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र | 200 अंक |
5. | सामान्य अध्ययन तृतीय प्रश्न पत्र | 200 अंक |
6. | सामान्य अध्ययन चतुर्थ प्रश्न पत्र | 200 अंक |
हिंदी साहित्य (Hindi Lit.)
कृषि (Agriculture)
जीव विज्ञान (Zoology)
रसायन विज्ञान (Chemistry)
भौतिकी (Physics)
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गणित (Mathematics)
भूगोल (Geography)
अर्थशास्त्र (Economics)
सामाजिक विज्ञान (Sociology)
दर्शनशास्त्र (Philosophy)
भूगर्भशास्त्र (Geology)
मनोविज्ञान (Psychology)
वनस्पति विज्ञान (Botany)
विधि (Law)
फ़ारसी साहित्य (Persian Lit.)
पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान (Animal Husbandry & Veterinary Science)
सांख्यिकी (Statistics)
प्रबंधन (Management)
राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Political Science & International Relations)
इतिहास (History)
सामाजिक कार्य (Social Work)
अंग्रेजी साहित्य (English Lit.)
मानवशास्त्र (Anthropology)
संस्कृत साहित्य (Sanskrit Lit.)
सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)
वाणिज्य एवं लेखा (Commerce & Accountancy)
लोक प्रशासन (Public Administration)
उर्दू साहित्य (Urdu Lit.)
कृषि इंजीनियरिंग (Agricultural Engineering)
रक्षा अध्ययन (Defence Studies)
चिकित्सा विज्ञान (Medical Science)
अरबी साहित्य (Arabic Lit.)
साहित्यिक विषय (Literature Subjects) UPPSC SYLLABUS
1.दिए हुए गद्य खंड का अवबोध और प्रश्नोत्तर।
2.संक्षेपण।
3.सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र।
4.शब्द ज्ञान एवं प्रयोग-
(अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग।
(ब) विलोम शब्द।
(स) वाक्यांश के लिए एकशब्द।
(द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि।
5.लोकोक्ति एवं मुहावरे। UPPSC SYLLABUS
निबंध के प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे, प्रत्येक खंड से एक एक विषय पर 700 शब्दों में निबंध लिखना होगा। प्रत्येक खंड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खंडों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबंध के प्रश्न होंगे। UPPSC SYLLABUS
खंड (क)-
(1) साहित्य और संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र।
खंड (ख)-
(1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि उद्द्योग और व्यापार।
खंड (ग)-
(1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटना (2) प्राकृतिक आपदाएं,भूस्खलन, भूकंप, बाढ़ , सूखा आदि (3) राष्ट्रीय विकास योजनाएँ और परियोजनाएँ।
भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के प्रारूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्त्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे। UPPSC SYLLABUS
आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई – 1947 ई तक) - महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं समस्याएँ इत्यादि।
स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई. तक)।
स्वतंत्रता संग्राम - इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
विश्व के इतिहास में 18वीं सदी से 20वीं सदी के मध्य तक की घटनाएँ जैसे फ़्रांसिसी क्रांति 1789, औद्योगिक क्रान्ति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फ़ासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे। UPPSC SYLLABUS
भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ।
महिलाओं एवं महिला-संगठनों की समाज में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएँ, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय। UPPSC SYLLABUS
सामाजिकसशक्तिकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण - जल, मिट्टियाँ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में) ।
भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएँ - भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएँ, पवन एवं हिम सरिताएँ।
सीमान्त एवं सीमाएँ - भारत उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में। UPPSC SYLLABUS
भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता।
मानव प्रयास - विश्व की शरणार्थी समस्या (भारत-उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में) ।
जनसंख्या एवं अधिवास - प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।
उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान - भूगोल, मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टियाँ, वन-वन्य जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत।
उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान - इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्यौहार, लोक-नृत्य साहित्य, प्रादेशिक भाषाएँ, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन।
भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका।
संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से सम्बंधित विश्व एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
केंद्र- राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका।
शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएँ, वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग।
संसद एवं राज्य विधायिका- संरचना, संगठन और कार्य-सञ्चालन, शक्तियों एवं विशेषाधिकार तथा सम्बंधित विषय। UPPSC SYLLABUS
भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतान्त्रिक देशों से तुलना।
कार्यपालिका और न्यापालिका की संरचना, संगठन एवं कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में भूमिका। जनहित वाद।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी।
विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियों, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व.
सांविधिक, विनिमयामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत उनकी विशेषताएँ एवं कार्यभाग। UPPSC SYLLABUS
विकास प्रक्रियाएँ- गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएँ, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक।
गरीबी और भूख से सम्बंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ।
केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति-संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति-संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय। UPPSC SYLLABUS
स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से सम्बंधित विषय।
शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय। UPPSC SYLLABUS
भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका।
भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके सम्बन्ध। UPPSC SYLLABUS
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच - उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य भाग।
क्षेत्रीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रम।
उ.प्र. के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी। UPPSC SYLLABUS
भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ, नीति आयोग की भूमिका.
गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि।
प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भण्डारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीकी।
सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।
अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएँ, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बंधित तकनीकी अभियान टेक्नोलॉजी मिशन।
भारत में स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण व सम्बंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिकी नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव।
आधारभूत संरचना - ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का देशजीकरण. नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रांतिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाँ।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति) ।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा स्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता. बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बंधित मुद्दे।
आपदा- गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं सुरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबंधन।
अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ- आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तंत्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउंडरिंग तथा मानव तस्करी।
पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आकलन।
भारत की आन्तरिक सुरक्षा चुनौतियाँ- आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध।
सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन.
उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य का विशिष्ट ज्ञान : उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट. कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्त्व. मानव संसाधन एवं कौशल विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएँ।
उत्तर प्रदेश के विशेष सन्दर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा।
कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे।
नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्त: - सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम : नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र।
मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका। UPPSC SYLLABUS
सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर-तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करुणा।
अभिवृत्ति- अंतर्वस्तु, संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं सम्बन्ध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
सवेंगात्मक बुद्धि- अवधाराणाएँ तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान। UPPSC SYLLABUS
शासन व्यवस्था में ईमानदारी- लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र- स्थिति तथा समस्याएँ, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएँ, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था। UPPSC SYLLABUS
उपर्युक्त विषयों पर मामला सम्बन्धी अध्ययन (केस स्टडी)
इसके अंतर्गत आपकी रूचि, शैक्षणिक बैकग्राउंड के विषय में पूछा जा सकता है।
प्रायः सामान्य जागरूकता , बुद्धि, वाक्पटुता, चरित्र, अभिव्यक्ति शक्ति / व्यक्तित्व की जाँच की जाती है।