Samudragupta History

Samudragupta History Sunday 22nd of December 2024

Samudragupta History in Hindi Samudragupta bharat ka napoleon kyn kha jata hai. Samudragupta coins, Samudragupta empire, About samudragupta in hindi. समुद्रगुप्त के बारे में परीक्षा की दृष्टि से पूछे जाने वाले अति महत्वपूर्ण तथ्य.

Samudragupta Important Fact

चंद्रगुप्त के पश्चात उसका पुत्र समुद्रगुप्त गुप्त साम्राज्य का चौथा शासक बना। वह लिचछवी राजकुमारी कुमार देवी से उत्पन्न हुआ था। 

समुद्रगुप्त का शासन काल राजनैतिक एवं सांस्कृतिक दोनों ही दृस्टियों  से गुप्त साम्राज्य के उत्कर्ष का काल माना जाता है। 

समुद्रगुप्त के विषय में यद्यपि अनेक शिलालेखों, स्तंभलेखों, मुद्राओं व  साहित्यक  ग्रंथों से व्यापक जानकारी प्राप्त होती है, परंतु सौभाग्य से समुद्रगुप्त पर प्रकाश डालने वाली अत्यंत परमाणिक सामग्री प्रयाग प्रशस्ति के रूप में उपलब्ध है। 

राज्य सिंहासन पर आसीन होने के पश्चात समुद्रगुप्त ने दिग्विजय की योजना बनाई। प्रयाग प्रयाग प्रशस्ति के अनुसार इस योजना का धयेय "धरणि बंध था। 

समुद्र गुप्त गुप्त वंश का एक महान योद्धा तथा कुशल सेनापति था, इसी कारण उसे "भारत का नेपोलियन" कहा जाता है। 

समुद्रगुप्त का साम्राज्य पूर्व में ब्रह्मपुत्र, दक्षिण में नर्मदा तथा उत्तर में कश्मीर की तलहटी तक विस्तृत था। 

Samudragupta bharat ka napoleon

समुद्र गुप्त गुप्त वंश का एक महान योद्धा के साथ साथ एक  कुशल सेनापति भी था, इसी के कारण उसे "भारत का नेपोलियन" कहा जाता है।

समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति अभिलेख में गुप्तों के आरंभिक पूर्वजों के रूप में श्री गुप्त और घटोत्कच का विवरण मिलता है। 

समुद्रगुप्त ने सर्वराजोच्छेता  की उपाधि धारण की थी। 

गुप्त वंश के दो शासकों ने अश्वमेध यज्ञ किया था। पहला शासक समुद्रगुप्त था और दूसरा शासक कुमारगुप्त प्रथम था।

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About Samudragupta in Hindi

समुद्र गुप्त गुप्त काल के एक ऐसे महान शासक थे, जिन्होंने भारत में स्वर्ण युग की शुरुआत की थी। समुद्रगुप्त एक महान योद्धा, कला संरक्षक के साथ साथ अत्यंत उदार शासक थे। समुद्रगुप्त अत्यंत संगीत प्रेमी था।  इनका साम्राज्य कवियों और विद्वानों से भरा रहता था। समुद्रगुप्त के कई अग्रज भाई थे परंतु उनके पिता ने समुद्रगुप्त के कौशल एवं प्रतिभा को देखकर उसे ही अपना उत्तराधिकारी चुना था। हालांकि इस निर्णय को विरोधियों ने स्वीकार नहीं किया था। जिसके कारण  करीब 1 वर्ष तक समुद्रगुप्त संघर्ष का सामना करते रहे। जिसके परिणामस्वरूप समुद्रगुप्त ने विजय प्राप्त की। समुद्रगुप्त को संस्कृति का इंसान माना जाता है। समुद्रगुप्त गुप्त वंश के दूसरे शासक थे। समुद्रगुप्त के शासन का सबसे विस्तृत और प्रमाणिक रिकॉर्ड इलाहाबाद के राक स्तम्भ में संरक्षित है, जो समुद्रगुप्त के न्यायालय में कवि  हरसना द्वारा रचित है। समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी उनका पुत्र चंद्रगुप्त II था जिसे विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है।