Paryayvachi Shabd

Paryayvachi Shabd, पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित वर्णन कीजिए, प्रायः समान अर्थ रखने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। वास्तव में पर्यायवाची शब्द समानार्थी शब्द होते हैं परन्तु भाव में ये एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। सरल भाषा में जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थी, समानार्थक या पर्यायवाची शब्द कहते हैं।Synonyms in hindi, list of hindi synonyms and samanarthi shabd, Paryayvachi shabd in hindi pdf.

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पर्यायवाची परिभाषा

प्रायः समान अर्थ रखने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। पर्यायवाची को तीन भागों में बांटा जा सकता है। 


१-पूर्ण पर्याय। 
२- पूर्णा पूर्ण पर्याय। 
३ -अपूर्ण पर्याय। 

 

१. पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द

वाक्य में यदि एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द रखा जा सके और अर्थ में कोई अंतर नहीं पड़ता हो, तो यह उसका पूर्ण पर्याय है। जैसे- जलज,वारिज। 

 

२. पूर्णा पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द

जो एक प्रसंग में तो पूर्ण पर्याय हो, किंतु दूसरे प्रसंग में समानार्थक ना रह पाए, जैसे- कपड़े टांगना के स्थान पर कपड़े लटकाना कह दे तो वही अर्थ प्राप्त होता है, परंतु वह मुंह लटकाए बैठा है किस स्थान पर वह मुंह टांगे बैठा है नहीं कर सकते। 

 

३. अपूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द

समानार्थक शब्दों में अर्थ भेद। 

  • अंधकार – तम,  तमस, अंधियारा, तिमिर, अँधेरा। 
  • अतिथि-    आगन्तुक, पाहूना, मेहमान, अभ्यागत, ।
  • आम – रसाल, आम्र, सौरभ, अमृतफल। 
  • अमृत- सुरभोग,अमिय, जीवनोदक, सुधा, सोम, पीयूष । 
  • आंसू – नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु.
  • अग्नि-    आग, ज्वाला,  रोहिताश्व, वायुसखा, दहन, धनंजय, वैश्वानर। 
  • आत्मा – जीव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण। 
  • आग – अग्नि, अनल, हुतासन, पावक, कृशानु, वहनि, शिखी, वह्नि.
  • अश्व- हय, हरि, तुरग, वाजि, सैन्धव, तुरंग, घोड़ा, घोटक।
  • आँख – लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृष्टि.
  • अभिमान- अस्मिता, अहम्मन्यता, आत्मश्लाघा, गर्व, अहं, अहंकार, अहंभाव। 
  • आकाश – नभ, गगन, अम्बर, व्योम, आसमान, अर्श। 
  • अनादर- अपमान, अवमानना, परिभव,अवज्ञा, अवहेलना, तिरस्कार।
  • आनंद – हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लास.
  • अरण्य- जंगल, अटवी, कान्तार, विपिन, वन, कानन। 
  • आश्रम – कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाड़ा.
  • अंतरिक्ष- गगनमंडल, आकाशमंडल, खगोल, नभमंडल।
  • अश्व – घोटक, बाजि, हय, तुरंग, घोड़ा,  सैन्धव। 
  • अर्थ – धन, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा.
  • अपमान – अवहेलना, तिरस्कार, अनादर, अवज्ञा।
  • अनुपम – अपूर्व, अतुल्य, अनोखा, अद्भुत, अनन्य.
  • अलंकार –गहना, जेवर.आभूषण, भूषण, विभूषण।
  • अतिथि – मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
  • अंधकार-  तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा, तम, तिमिर।
  • अंत- समाप्ति, अवसान, इति, इतिश्री, समापन।
  • अमृत – सुधा, अमिय, पीयूष, सोम.
  • असुर – रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, तमचर, दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर। 
  • अर्थ-    हय, तुरङ, वाजि, घोडा, घोटक।
  • असुर-यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर।
  • अलंकार- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
  • अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
  • अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
  • अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।
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  • अंग- अंश, अवयव, हिस्सा, भाग। 
  • घमंड, दर्प, दंभ, मद, मान, मिथ्याभिमान।
  • अरण्य- जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन। 
  • अनी- कटक, दल, सेना, फौज, चमू, अनीकिनी। 
  • अंकुश- नियंत्रण, पाबंदी, रोक, दबाव।
  • अंजाम- नतीजा, परिणाम, फल।
  • अंत- समाप्ति, अवसान, इति, इतिश्री, समापन।
  • अंतर- भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क।
  • अंतर्धान- गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।
  • अंदर- भीतर, आंतरिक, अंदरूनी, अभ्यंतर।
  • अंदाज- अंदाजा, अटकल, कयास, अनुमान।
  • अंधा- सूरदास, आँधरा, नेत्रहीन, दृष्टिहीन।
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इच्छा- अभिलाषा, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, अभिप्राय, चाह, कामना,लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
इन्द्र – सुरेश, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, शचीपति, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र। 
इन्द्राणि- इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।
ईश्वर – परमात्मा,  भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, प्रभु, ईश, जगदीश,विधाता। 
ईमानदारी- नेकनीयत, सत्यनिष्ठ, सच्चा, सत्यपरायण। 
उपवन – उद्यान, वाटिका, गुलशन, बाग़, बगीचा। 
उक्ति – कथन, वचन, सूक्ति। 
उग्र – , तीव्र, विकट, प्रचण्ड, उत्कट, तेज। 
उचित – ठीक, मुनासिब,युक्तिसंगत, न्यायसंगत, वाज़िब, समुचित, तर्कसंगत। 
उच्छृंखल – उद्दंड, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी, अक्खड़, आवारा, निरकुंश। 
उज्जड़ – अशिष्ट, जंगली, देहाती, उद्दंड, निरकुंश, असभ्य, गँवार। 
उजला – उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल। 
उजाड़ – जंगल, बियावान, वन। 
उजाला – प्रकाश, रोशनी, चाँदनी। 
उत्कर्ष – समृद्धि, उन्नति, प्रगति, उठान। 
उत्कृष्ट –  अच्छा, बढ़िया, उम्दा, उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ। 
ऐक्य – एकत्व, एका, एकता, मेल। 
ऐश्वर्य – समृद्धि, विभूति। 

  • ओज- बल, चमक, कांति, दीप्ति, वीर्य, तेज, शक्ति।
  • ओंठ- लब, होठ, ओष्ठ, अधर।
  • ओला- उपल, करका, हिमोपल, हिमगुलिका। 
  • ओस- तुहिन, शबनम, नीहार। 
  • ओहार- परदा, आच्छादन, आवरण। 
  • औचक- अचानक, यकायक, सहसा।
  • औरत- स्त्री, मानवी, तिरिया, नारी, वनिता, घरवाली, जोरू, घरनी, महिला।
  • औचित्य- तर्कसंगति, तर्कसंगतता, उपयुक्तता। 
  • औलाद- आसऔलाद, बाल-बच्चे, संतान, संतति। 
  • कमल- नलिन, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।
  • किरण- गभस्ति,  कर, मयूख, मरीचि, ज्योति, प्रभा, रश्मि, अंशु, अर्चि, गो।
  • कामदेव- मदन, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ, मनोज, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, पंचशर, मनसिज, काम।
  • कपड़ा- अंशु, कर, अम्बर, परिधान, मयुख, वस्त्र, चीर, वसन, पट।
  • कुबेर- धनद, धनाधिप, राजराज, कित्ररेश, यक्षराज। 
  • किस्मत- नियति, भाग्य, होनी, विधि। 
  • कबूतर- पारावत, कलरव, हारिल, कपोत, रक्तलोचन।
  • खाना- खाद्यय वस्तु, आहार, भोजन, भोज्य सामग्री। 
  • खग- अण्डज, शकुनि, पखेरू, पक्षी, द्विज, विहग, नभचर।
  • खटमल- मत्कुण, खटकीट, खटकीड़ा। 
  • खर- रासभ, वैशाखनंदन, गधा, गर्दभ, खोता। 
  • खरगोश- शशक, शशा, खरहा। 
  • गणेश- विनायक, मूषकवाहन, गजवदन, विघ्रनाशक,गजानन, गौरीनंदन, भवानीनन्दन, विघ्रराज, मोदकप्रिय, मोददाता, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय, एकदन्त।
  • गंगा-  विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी,देवनदी, जाह्नवी, सुरसरि, अमरतरंगिनी, विष्णुपदी, नदीश्वरी, त्रिपथगा।
  • गज- कूम्भा, मदकल, हाथी, हस्ती, मतंग ।
  • गाय- गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, दोग्धी, रोहिणी।
  • गृह- निवास, आगार, आयतन, आलय, घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन,आवास, निलय, मंदिर।
  • घट- घड़ा, कलश, कुम्भ, निप।
  • घर- निलय, निवास, भवन, वास, आलय, आवास, गेह, गृह, निकेतन,वास-स्थान, शाला, सदन।
  • घोड़ा- घोटक, अश्व,तुरंग, हय, घोट। 
  • चोर- कुम्भिल, खनक, साहसिक, तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक। 
  • चन्द्र- चाँद,  निशापति, रजनीपति, सुधांशु, सुधाधर, राकेश, सारंग, निशाकर, मृगांक, कलानिधि, हिमांशु।
  • चतुर- कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य,विज्ञ, निपुण, नागर, पटु।
  • चंद्रमा- चाँद, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, हिमांशु, इंदु, सुधांशु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, कलाधर, निशाकर, मृगांक, राकापति, हिमकर। 
  • चरण- पद, पग, पाँव, पैर, पाद।
  • छटा- सुंदरता, खूबसूरती, शोभा, छवि। 
  • छतरी- छत्र, छाता, छत्ता।
  • छानबीन- खोज, अन्वेषण, शोध, गवेषण, जाँच, पूछताछ।
  • छँटनी- छँटाई, काट-छाँट, कटौती। 
  • छवि- कान्ति, प्रभा, शोभा, सौंदर्य।
  • छली- धोखेबाज,छलिया, कपटी।
  • छैला- सजीला, बाँका, शौकीन।
  • जगत- संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।
  • जल- तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, मेघपुष्प, अमृत, सलिल, वारि, नीर,पय, पेय।
  • जंगल- गहन, कांतार, बीहड़, विटप,विपिन, कानन, वन, अरण्य।
  • जहर- माहुर, विष,गरल, कालकूट ।
  • ज्योति- दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि, आभा, छवि, द्युति।
  • जीभ- रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।
  • जानकी- सीता, मिथिलेशकुमारी, जनकतनया, वैदही, जनकसुता,जनकात्मजा। 
  • जेवर- भूषण, आभरण, मंडल,गहना, अलंकार।
  • झंझा- बवंडर, झंझावत, तूफान,अंधड़, आँधी। 
  • झूठ- मृषा, अनृत,असत्य, मिथ्या।
  • झण्डा- ध्वजा, पताका, केतु। 
  • झरना- प्रपात, निर्झर, प्रस्त्रवण,उत्स, स्रोत। 
  • झाँसा- फरेब, ठगी, दगा, धोखा। 

टाँग- पाँव, पैर, टंक। 

टीका-  दाग, धब्बा, तिलक, चिह्न। 

टहलुआ- सेवक,खिदमतगार नौकर। 

टक्कर- मुठभेड़, लड़ाई, मुकाबला। 

ठंड- ठंड, शीत, सर्दी। 

ठाँव- स्थान, ठिकाना, जगह। 

ठग- छली,वंचक, धूर्त, धोखेबाज, छलिया, फ़रेबी।

ठीक- उचित, मुनासिब, उपयुक्त। 

ठिंगना- बौना, वामन, नाटा। 

डाकू- दस्यु,बटमार, राहजन, लुटेरा, डकैत। 

डाल-  वृंत, शाखा, डाली, टहनी। 

ढोंग-  आडम्बर, ढोंगबाजी,पाखंड, प्रपंच। 

ढोल- पटह, प्रणव,ढोलकी, ढोलक। 

ढोर- चौपाया, मवेशी।

त्वचा- चर्म, चमड़ा, चमड़ी, खाल।

तोता-  रक्ततुण्ड, दाड़िमप्रिय,सुग्गा, शुक, सुआ, कीर।  

तुरंग- घोड़ा, अश्व, हय, घोटक, तुरग। 

तीर- शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।

तालाब- पुष्कर, ह्रद, पद्याकर,सरोवर, जलाशय, सर , पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग।

थोड़ा- जरा, कम,अल्प, न्यून। 

थल- स्थान, स्थल, भूमि, जगह। 

देवता- सुर,  दैवत, लेख, अजर, विबुध,निर्जर, त्रिदश, गीर्वाण,देव, अमर, वसु, आदित्य, अदितिनंदन, अमर्त्य, अस्वप्न, आदितेय।

दिन- दिवा, वार, प्रमान, वासर,दिवस, याम, अह्न।

देव-वृन्दारक, आदित्य,अमर, देवता, सुर, निर्जर। 

धरती- ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला,धरा, धरती, वसुधा, मही, रत्नवती, रत्नगर्भा।

धनु- कोदंड, कमान, धनुही,धनुष, पिनाक, शरासन। 

ध्वज- झंडा, ध्वजा, केतन, केतु। 

धनुष- चाप्, शरासन, कमान, कोदंड, पिनाक, सारंग, धनु।

नदी-  आपगा, निम्रगा, कूलंकषा, तनूजा, सरित, शौवालिनी, स्रोतस्विनी,तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।

निरक्षर- अशिक्षित, लाइल्म,अनपढ़, अपढ़। 

पति-  प्राणप्रिय, प्राणेश, आर्यपुत्र,भर्ता, वल्लभ, स्वामी, प्राणाधार।

पृथ्वी- धरणी, अवनि, मेदिनी, क्षिति, मही,धरा, धरती, भू, इला, उर्वी, धरित्री, वसुंधरा, वसुधा, जमीन, भूमि।

पत्नी- प्राणप्रिया, वधू, वामा, अर्धांगिनी,भार्या, दारा, बेगम, कलत्र, सहधर्मिणी, गृहणी, बहु, वनिता, जोरू, वामांगिनी।

पानी- तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत,जल, नीर, सलिल, अंबु, अंभ, उदक, मेघपुष्प, सारंग। 

पंकज- सरोज, नलिन, जलज,कमल, राजीव, पद्म। 

पुत्र- बेटा, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।

फसल- खिरमन, कृषि- उत्पाद,शस्य, पैदावार, उपज। 

फूल- कुसुम, गुल, प्रसून,पुष्प, सुमन।

बादल- मेघ,  वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर,घन, जलधर, जलद।

बगीचा- उद्यान, फुलवारी, बगिया,बाग़, वाटिका, उपवन।

भविष्य- भविष्यतकाल, मुस्तकबिल, भविष्यद,भावी, अनागत। 

मेघ- घन, वारिधर, पयोद, अम्बुद, पयोधर,जलधर, वारिद, बादल, नीरद। 

मोक्ष- मुक्ति, सद्गति, निर्वाण, परमपद, अपवर्ग,परधाम, निर्वाण, कैवल्य।