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Karak in hindi – karak hindi grammar exercises with answers
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Karak in hindi
(Definition of Karak) कारक की परिभाषा:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप में वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) संबंध सूचित हो, उसे (उस रूप को) कारक कहते हैं।
“संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) क्रिया से संबंध सूचित हो, उसे (उस रूप को) कारक कहते हैं।
Karak ke bhed (कारक के भेद )
कारक आठ प्रकार के होते हैं।
१-Karta karak.(कर्ता कारक)
२- Karm karak (कर्म कारक)
३- Karan karak (करण कारक)
४- Sampradan karak (संप्रदान कारक)
५- Apadan Karak (अपादान कारक)
६- Sabandh karak (संबंध कारक)
७- Adhikaran karak (अधिकरण कारक)
८- Sambodhan karak (संबोधन कारक)
Karak in hindi (कारक)
Karak (कारक) | Signs (चिह्न) | Meaning (अर्थ) |
Karta karak.(कर्ता कारक) | ने | काम करने वाला |
Karm karak (कर्म कारक) | को | जिसपर काम का प्रभाव पड़े |
Karan karak (करण कारक) | से | जिसके द्वारा कर्ता काम करें |
Sampradan karak (संप्रदान कारक) | को,के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
Apadan Karak (अपादान कारक) | से ,अलगहोना | जिससे अलगाव हो |
Sabandh karak (संबंध कारक) | का,की,के,रा,री,रे | अन्य पदों से सम्बन्ध |
Adhikaran karak (अधिकरण कारक) | में,पर | क्रिया का आधार |
Sambodhan karak (संबोधन कारक) | हे !,अरे ! | किसी को पुकारना, बुलाना |
Karta karak (कर्ता कारक)
वाक्य में जो शब्द काम करने वाले के अर्थ में आता है, उसे कर्ता कहते हैं। जैसे “रोहन खाता है” इस वाक्य में खाने का काम रोहन करता है अतः कर्ता रोहन है।
Karm karak (कर्म कारक)
वाक्य में क्रिया का फल जिस शब्द पर पड़ता है, उसे कर्म कहते हैं। जैसे रोहन ने फल खाया।
Karan karak (करण कारक)
वाक्य में जिस शब्द से क्रिया के संबंध का बोध हो उसे करण कारक कहते हैं। जैसे मां ने बोतल से बच्चे को दूध पिलाया।
Sampradan karak (संप्रदान कारक)
जिसके लिए कुछ किया जाए या जिसको कुछ दिया जाए, इसका बोध करने वाले शब्द के रूप को संप्रदान कारक कहते हैं। जैसे भूखे को अन्न देना चाहिए और प्यासे को जल।
Apadan Karak (अपादान कारक)
संज्ञा के जिस रूप में किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट होता है उसे अपादान कारक कहते हैं। जैसे वृक्ष से पत्ता गिरा।
Sabandh karak (संबंध कारक)
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से किसी अन्य शब्द के साथ संबंध या लगाव प्रतीत हो उसे संबंध कारक कहते हैं। जैसे श्याम वाली किताब।
Adhikaran karak (अधिकरण कारक)
क्रिया या आधार को सूचित करने वाले संज्ञा या सर्वनाम के स्वरूप को अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे चिड़िया ने पेड़ पर घोंसला बनाया।
Sambodhan karak (संबोधन कारक)
संज्ञा के जिस रुप में किसी के पुकारने या संकेत करने का भाव पाया जाता है, उसे संबोधन कारक कहते हैं। जैसे- हे भगवान मेरी रक्षा कीजिए।