Chandra Gupta Mourya

Chandra Gupta Mourya Thursday 21st of November 2024

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चंद्रगुप्त मौर्य

Chandra Gupta Mourya (322BC-298BC)

चंद्रगुप्त मौर्य (Chandra Gupta Mourya) चाणक्य की सहायता से अंतिम नंद वंश के शासक धननंद को पराजित कर 25 वर्ष की आयु में (322 ईसा पूर्व) मगध के सिंहासन पर आसीन हुआ और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। ब्राह्मण साहित्य चंद्रगुप्त मौर्य को शूद्र कुलोतपत्ति बताते हैं जबकि बौद्ध और जैन साहित्य उसे छत्रिय बताते हैं। विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस नाटक में उसके लिए वृषल (निम्न कुल नाम) का प्रयोग किया गया है। 

चंद्रगुप्त मौर्य ने व्यापक विजय करके प्रथम अखिल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की

चंद्रगुप्त मौर्य (Chandra Gupta Mourya) तत्कालीन यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित किया। संधि  हो जाने पर सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त मौर्य से 500 हाथी लेकर बदले में पूर्वी अफगानिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध नदी के पश्चिम का क्षेत्र उसे दे दिया था। 

चंद्रगुप्त मौर्य (Chandra Gupta Mourya) के विशाल साम्राज्य में काबुल, हेरात, कंधार बलूचिस्तान, पंजाब, गंगा यमुना का दोआब, बिहार, बंगाल, गुजरात, विंध्य और कश्मीर का भूभाग भी सम्मिलित था। तमिल ग्रंथ अह्नानूर और मुरनानूर से ज्ञात होता है कि दक्षिण भारत पर भी उसने आक्रमण किया था। 

वृद्धावस्था में चंद्रगुप्त मौर्य (Chandra Gupta Mouryaने जैन मुनि भद्रबाहु से जैन दीक्षा ली थी और श्रवणबेलगोला में 298 ईसा पूर्व में उपवास द्वारा अपना शरीर त्याग दिया था। 

 Chandragupta Maurya Essay in Hindi

About Chandragupta Maurya

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चंद्रगुप्त मौर्य से जुड़ी अन्य महत्त्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी बातें-

मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था ,

जस्टिन ने चंद्रगुप्त मौर्य को सैंड्रोकोट्टस कहा है, जिसकी पहचान विलियम जोंस ने चंद्रगुप्त मौर्य से की है। 

विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चंद्रगुप्त मौर्य के लिए वृषल (निम्न कुल) शब्द का प्रयोग किया गया है। 

घनानंद को हराने में चाणक्य (कौटिल्य /विष्णुगुप्त) ने चंद्रगुप्त मौर्य की मदद की थी, जो बाद में चंद्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना। इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है। chandra gupta maurya in hindi

चंद्रगुप्त मगध की राजगद्दी पर 322 ईसा पूर्व में बैठा। चंद्रगुप्त मौर्य जैन धर्म का अनुयाई था। 

चंद्रगुप्त ने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया।

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चंद्रगुप्त ने 305 ईसा पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया था। 

सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चंद्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध के शर्तों के अनुसार चार प्रांत काबुल, कंधार, हेरात, एवं मकरान चंद्रगुप्त मौर्य को दिए। chandra gupta maurya in hindi

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चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में और अधिक जाने-

चंद्रगुप्त मौर्य ने जैनी गुरु भद्र बाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली थी। 

मेगास्थनीज सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहता था। Chandra Gupta Maurya in hindi

मेगास्थनीज द्वारा लिखी गई पुस्तक इंडिका है। मेगास्थनीज के अनुसार- सम्राट का जनता के सामने आने के अवसरों पर शोभायात्रा के रूप में जश्न मनाया जाता है। उन्हें एक सोने के पालकी में ले जाया जाता है। उनके अंगरक्षक सोने और चांदी से अलंकृत हाथियों पर सवार रहते हैं। कुछ अंगरक्षक पेड़ों को लेकर चलते हैं। इन पेड़ों पर प्रशिक्षित तोतों का झुंड रहता है जो सम्राट के सिर के चारों तरफ चक्कर लगाता रहता है। राजा सामान्यता हथियारबंद महिलाओं से घिरे होते हैं उनके खाना खाने के पहले खास नौकर उस खाने को चखते हैं। वे लगातार दो रात  एक ही कमरे में नहीं सोते थे। Chandra Gupta Maurya in hindi

पाटलिपुत्र के बारे में संक्षिप्त जानकारी-

पाटलिपुत्र एक विशाल प्राचीर से घिरा है जिसमें 570 बुर्ज और 64 द्वार हैं। दो और तीन मंजिल वाले घर लकड़ी और कच्ची ईंटों से बने हैं। राजा का महल भी काठ का बना है जिसे पत्थर की नक्काशी से अलंकृत किया गया है। यह चारों तरफ से उद्यानों और चिड़ियों के लिए बने बसेरों से घिरा है। 

चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस ने किया है। 

प्लूटार्क के अनुसार चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिया था। 

चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु 298 ईसा पूर्व में श्रवण बेल गोला में उपवास के द्वारा हुआ था। 

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