Babar History

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बाबर का पूरा नाम – जहीर-उद-दिन मुहम्मद बाबर
बाबर के पिता – उमर शेख मिर्जा
बाबर का जन्म – 14 फरवरी, 1483.
बाबर का जन्मस्थान – अन्दिझान (उज्बेकिस्तान)

बाबर की माता का नाम – कुतलुग निगार खानम

Babar History
बाबर का विवाह – मौसमा सुलतान बेगम, आयेशा सुलतान बेगम, दिलदार अघाबेगम, जैनाब सुलतान बेगम, महम बेगम, गुलरुख बेगम, मुबारका युरुफझाई, सहिला सुलतान बेगम, हज्जाह गुलनार अघाचा, नाझगुल अघाचा, बेगा बेगम।
बाबर के पुत्र- हुमायूँ, कामरान, अस्करी, हिन्दाल
बाबर की पुत्री- गुलबदन बेगम

बाबर का शासन काल- सन 1526 से 1530 ई.

 

बाबर के निर्माण कार्य - आगरा की मस्जिद, क़ाबुली बाग़ मस्जिद, जामी मस्जिद , नूर अफ़ग़ान, बाबरी मस्जिद। Babar History in Hindi

भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबार का जन्म 14 फरवरी 1483 ईस्वी को  मध्य एशिया के राज्य फरगना के शासक उमर शेख मिर्जा के यहां हुआ था। Babar History

बाबर कौन था-

बाबर महान विजेता तैमूर का वंसजथा। उसकी माता कुतलुक निगारखानम पराक्रमी  चंगेज खां की वंसजा थी।

बाबर 1494 ईस्वी में 11 वर्ष की आयु में परगना का शासक बना। 

बाबर ने 1519 ईस्वी से लेकर 1526 ईसवी तक भारत पर 5 बार आक्रमण किया था। 

बाबर का प्रथम आक्रमण 1519 ईस्वी में बाजौर और भेरा पर हुआ। 

बाबर ने दूसरा आक्रमण 1519-20 ईस्वी में पेशावर पर किया। 

बाबर ने तीसरी बार आक्रमण 1520  किया तथा सियालकोट और सैयद पुर जीता। 

बाबर ने चौथा आक्रमण 1524 ईसवी में किया था, इस आक्रमण में उसने लाहौर और दीपालपुर पर अपना अधिकार जमा लिया था। Babar History

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बाबर बादशाह के बारे में और अधिक जाने-

दिसंबर 1525 ईसवी में  बाबर ने पांचवी बार भारत पर आक्रमण किया। 21 अप्रैल 1526 ईसवी में बाबर और दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोधी के मध्य पानीपत के मैदान में घमासान युद्ध लड़ा गया। यह युद्ध पानीपत के प्रथम युद्ध के नाम से जाना जाता है। Babar History

पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर को निर्णायक विजय प्राप्त हुई। इस विजय के परिणाम स्वरूप बाबर का दिल्ली और आगरा पर अधिपत्य हो गया। और इसके साथ ही दिल्ली सल्तनत के शासन का अंत हुआ और भारत में मुगल वंश के शासन की स्थापना हुई। 

16 मार्च 1527 ईस्वी को बाबर और राणा सांगा की सेनाओं के मध्य खानवा के मैदान में घमासान युद्ध हुआ जिसे खानवा का युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध में तोपखाने और तुलुगमा पद्धति ने बाबर को निर्णायक विजय दिलाई। 

बाबर ने जनवरी 1528 ईसवी में चंदेरी पर आक्रमण किया और 19 मई 1528 ईसवी को बाबर का चंदेरी पर अधिकार हुआ। Babar History Hindi

इब्राहिम लोदी का भाई महमूद लोदी आफगानों को संगठित कर बिहार में बाबर के विरुद्ध युद्ध की तैयारी कर रहा था। अतः बाबर द्वारा 6 मई 1529 ईस्वी को घाघरा नदी के किनारे अफगानी सेना पराजित की गई। यह युद्ध घाघरा का युद्ध के नाम से जाना जाता है। 

घाघरा की विजय बाबर की अंतिम विजय थी और उसके अगले वर्ष ही 1530 ईसवी में बाबर की मृत्यु हो गई। Hindi Me Babar ka itihas.

बाबर के इतिहास के बारे में अति महत्वपूर्ण जानकारियां-

बाबर का जन्म 1483 ईस्वी में हुआ था। उसके पिता उमर शेख मिर्जा फरगना के शासक थे। 1494 ईस्वी में बाबर फरगना की गद्दी पर बैठा। 1506/07  ईस्वी में उसने पद शाह की उपाधि धारण की थी। 

पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए निमंत्रण भेजा था। 

Mughal Emperor Babur

पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया, इसमें बाबर ने तुलुगमा युद्ध पद्धति का प्रयोग किया था। इस युद्ध में बाबर के दो तोपची उस्ताद अली और मुस्तफा खां थे। 

पानीपत के प्रथम युद्ध के पश्चात बाबर में राणा सांगा के साथ खानवा का युद्ध, मोदनीराय के साथ चंदेरी का युद्ध तथा अफगानों के साथ घाघरा का युद्ध लड़ा था। 

1530 ईसवी में बाबर की मृत्यु हो गई उसे काबुल में दफनाया गया था। 

बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा तुजुक ए बाबरी (बाबरनामा) का फारसी में अनुवाद अब्दुल रहीम खानखाना ने किया था। 

बाबर प्रसिद्ध नक़सबंदी सूफी ख्वाजा उबैदुल्लाह का अनुयाई था। 

बाबर का इतिहास