औरंगजेब का इतिहास Thursday 21st of November 2024
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मोहिउद्दीन मोहम्मद औरंगजेब शाहजहां तथा मुमताज महल की छठी संतान था। औरंगजेब का जन्म 1618 ईस्वी में उज्जैन के निकट दोहा नामक स्थान पर हुआ था। औरंगजेब की बचपन का अधिकांश समय नूरजहां के पास बीता था। aurangzeb history
1637 ईस्वी में औरंगजेब का विवाह फारस के राजघराने की शहजादी दिलराम बानो बेगम (रबिया बीवी) से हुआ था।
औरंगजेब के गुरु मीर मोहम्मद हकीम थे। औरंगजेब सुन्नी धर्म को मानता था इसलिए उसे जिंदा पीर कहा जाता था। Aurangzeb history
उत्तराधिकार युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात 23 जुलाई 1658 ईस्वी को औरंगजेब आगरा के सिंहासन पर बैठा, लेकिन उसका वास्तविक राज्याभिषेक 1 वर्ष बाद 5 जून 1659 ईस्वी को अत्यंत धूमधाम के साथ दिल्ली में हुआ था।
सम्राट बनने के उपरांत औरंगजेब ने जनता के आर्थिक कष्टों के निवारण हेतु "राहदारी" (आंतरिक पारगमन शुल्क) और "पानदारी" (व्यापारिक चुंगीओं) को समाप्त कर दिया था।
औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में जजिया कर को पुनः लागू किया था तथा इस्लाम धर्म नहीं स्वीकार करने के कारण सिखों के 9वे गुरु तेग बहादुर की हत्या औरंगजेब ने 1675 ईस्वी में दिल्ली में करवा दी थी।
औरंगजेब के शासनकाल में 1689 ईसवी तक मुगल सम्राट अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया, जो काबुल से लेकर चटगांव तक और कश्मीर से लेकर कावेरी नदी तक फैला था।
औरंगजेब का पुत्र अकबर ने दुर्गादास के बहकावे में आकर अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया था।
औरंगजेब ने बीवी का मकबरा का निर्माण 1679 ईसवी में औरंगाबाद में करवाया था।
औरंगजेब ने दिल्ली के लाल किला में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया था।
औरंगजेब के शासनकाल में मुगल सेना में सर्वाधिक हिंदू सेना पति थे। aurangzeb history
औरंगजेब ने कुरान को अपना शासन का आधार बनाया। इसने सिक्कों पर कलमाँ खुदवाना, नवरोज का त्यौहार मनाना, भांग की खेती करना, गाना बजाना, झरोखा दर्शन, तुलादान प्रथा आदि पर प्रतिबंध लगा दिया। aurangzeb history
औरंगजेब ने दरबार में संगीत पर पाबंदी लगा दी तथा सरकारी संगीतज्ञों को अवकाश दे दिया गया। भारतीय शास्त्रीय संगीत पर फारसी में सबसे अधिक पुस्तकें औरंगजेब के ही शासन काल में लिखी गई थी। औरंगजेब खुद वीणा बजाने में माहिर था। aurangzeb history
औरंगजेब ने 1665 ईसवी में हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया तथा इसके शासनकाल में तोड़े गए मंदिरों में सोमनाथ का मंदिर, बनारस का विश्वनाथ मंदिर एवं वीर सिंह देव द्वारा जहांगीर काल में मथुरा में निर्मित केशवराय मंदिर प्रमुख थे।
औरंगजेब की मृत्यु 20 फरवरी 1707 ईसवी को हुई थी, इसे खुल्दाबाद जो अब रोजा कहलाता है में दफनाया गया था। aurangzeb history