Jahangir history

जहांगीर का इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां जो परीक्षा की दृष्टि से अधिक उपयोगी है। मुगल बादशाह जहांगीर की जीवनी, Jahangir History in Hindi, Jahangir Father Name, Jahangir Biography in Hindi, Jahangir History (Itihas) Biography in Hindi Language, History of Mughal Emperor Jahangir in hindi.

Jahangir Father Name-

जहांगीर के पिता का नाम अकबर था, अकबर के शासन के तेरहवें वर्ष अर्थात 30 अगस्त 1569 ईसवी को जहांगीर का जन्म हुआ था। जहांगीर के बचपन का नाम सलीम था। Jahangir history

जहांगीर के कुल 5 पुत्र थे- (1)-खुसरो (2)-परवेज (3)-खुर्रम (4)-सहरयार (5)-जहांदार। 

अकबर का उत्तराधिकारी सलीम हुआ जो 24 अक्टूबर, 1605 ईसवी को "नूर उद्दीन मोहम्मद जहांगीर बादशाही गाजी" की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा। 

सलीम का शिक्षक अकबर का नवरत्न अब्दुर रहीम खानखाना था। Jahangir history

जहांगीर के शासनकाल में मुगल चित्रकला अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई थी।  

जहांगीर के समय को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा जाता है। 

Jahangir history

अकबर ने अपने पुत्र का नाम सलीम सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था। Jahangir in hindi

जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है क्योंकि जहांगीर ने सोने की  एक जंजीर लगवाई थी जो आगरा के किले के साहवुर्ज एवं यमुना तट पर स्थित पत्थर के खंभे में लगवाई हुई थी। जिसे फरियादी महल में न पहुंचने की दशा में बजाता था जिससे बादशाह को फरियादी की सूचना मिल जाती थी। 

जहांगीर के द्वारा शुरू की गई तुजुक-ए-जहांगीरी नामक आत्मकथा को पूरा करने का श्रेय "मौतबिन्द खां" को जाता है। History of Jahangir 

जहांगीर के दरबार के प्रमुख चित्रकार आगा रजा, अब्दुल हसन, मोहम्मद नासिर, मोहम्मद मुराद, उस्ताद मंसूर, बिशनदास, मनोहर एवं गोवर्धन, फारुख वेग, दौलत आदि प्रमुख थे। History of Jahangir 

 

.

अकबर की मृत्यु के पश्चात सलीम का "जहांगीर" के नाम से आगरा के किले में राज्य अभिषेक हुआ। 

जहांगीर के सिंहासन पर बैठते ही सबसे पहले उसके पुत्र खुसरो में 1606 ईस्वी में आगरा से पंजाब जाकर विद्रोह कर दिया। जहांगीर ने उसे "भैरववल के मैदान" में हराया तथा जहांगीर के आदेश पर उसे अंधा कर दिया गया था। 

खुसरो की सहायता एवं आशीर्वाद देने के अभियोग में सिक्खों के पांचवे गुरु अर्जुन देव को जहांगीर ने मृत्युदंड दिया तथा उनकी सारी संपत्ति जप्त कर ली थी। 

1611 ईस्वी में जहांगीर ने मेहरून निशा (नूर जहां) नामक विधवा से विवाह करके उसे नूरमहल की उपाधि दी। नूरजहां को 1613 ईस्वी  में बादशाह बेगम भी बनाया गया। 

नूरजहां के पिता मिर्जा ग्यासवेग को दीवान अथवा राज्य कर मंत्री नियुक्त किया गया था तथा उसे एत्माद्दौला की उपाधि दी गई थी। 

इंग्लैंड के सम्राट जेम्स प्रथम ने अंग्रेजी कंपनी को व्यापक सुविधाएं दिलाने के लिए विलियम हॉकिंस (1608 इसवी) पाल कैनन (1612 ईस्वी) तथा विलियम एडवर्ड 1615 ईस्वी को  जहांगीर दरबार में भेजा। 

इंग्लैंड की सम्राट जेम्स प्रथम ने सर टामस रो (1615 -19 ) को राजदूत बनाकर भेजा। 

1627 ईस्वी को जहांगीर को दमे के रोग से पीड़ित होने के कारण मृत्यु हो गई।