Maulik adhikar

Maulik adhikar, मूल अधिकार व अधिकार होते हैं जो व्यक्ति के जीवन तथा विकास के लिए अनिवार्य होने के कारण संविधान के द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं।भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों से संबंधित जानकारियां fundamental rights in hindi, fundamental meaning in hindi, shiksha ka adhikar,how many fundamental rights are in the indian constitution,maulik adhikar in hindi,manav adhikar book in hindi,maulik adhikar kitne hai,mool adhikar,maulik adhikar essay in hindi

Maulik adhikar मौलिक अधिकार-

मूल अधिकार व अधिकार होते हैं जो व्यक्ति के जीवन तथा विकास के लिए अनिवार्य होने के कारण संविधान के द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं। व्यक्ति के इन अधिकारों में राज्य के द्वारा भी मनमाने तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
मूल अधिकार प्रजातंत्र के आधार स्तंभ एवं नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक अवसर और सुविधाएं प्रदान करते हैं तथा अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। आज की परिस्थितियों में मूल अधिकारों के बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती।

Maulik adhikar

मौलिक अधिकार को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है। इसका वर्णन संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक है। संविधान के भाग 3 को भारत का अधिकार पत्र कहा जाता है। इसे मूल अधिकारों का जन्मदाता भी कहा जाता है।

मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे, लेकिन 44 वें संविधान संशोधन 1979 ईस्वी के द्वारा संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31 एवं 19 क) को मौलिक अधिकार की सूची से हटा कर इसे संविधान के अनुच्छेद 301 (a) के अंतर्गत कानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है।

Fundamental Rights मूल अधिकार-

1- Right to Equality or Equality (Article 18 from Article 14) समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद18)
2- Right to Freedom (Article 19 to Article 22) स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से अनुच्छेद 22)
3- Rights Against Exploitation (Article 23 to Article 24) शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से अनुच्छेद 24)
4- Right to freedom of religion (Article 25 to Article 28) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28)
5- Cultural and Educational Rights (Article 29, Article 30) संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से अनुच्छेद 30)
6- Right to Constitutional Remedies (Article 32) संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)

 समानता का अधिकार

(अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद18)

अनु0 14:कानून के समक्ष समानता- इसका तातपर्य यह है कि राज्य सभी व्यक्तियों के लिए एक समान कानून बनाएगा और उन पर एक समान लागू करेगा।
अनु0 15:धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध- राज्य के द्वारा सभी धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग एवं जन्म स्थान आदि के आधार पर नागरिकों के प्रति जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा।
अनु0 16:सरकारी पदों की प्राप्ति के लिए अवसर की समानता- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता- राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता होगी।
अनु0 17:अस्पृश्यता का निषेध-अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिए इसे दंडनीय अपराध घोषित किया गया है।
अनु0 18:उपाधियों का निषेध-सेना या विधा संबंधी सम्मान के सिवाय अन्य कोई भी उपाधि राज्य द्वारा प्रदान नहीं की जाएगी। भारत का कोई नागरिक किसी अन्य देश से बिना राष्ट्रपति की आज्ञा के कोई उपाधि स्वीकार नहीं कर सकता है।

Maulik adhikar

Right to freedom स्वतंत्रता का अधिकार-

अनुच्छेद 19 से अनुच्छेद 22

  • विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।
  • अस्त्र शस्त्र रहित तथा शांति पूर्वक सम्मेलन की स्वतंत्रता।
  • समुदाय और संघ निर्माण की स्वतंत्रता।
  • भारत राज्य क्षेत्र में अवाध भ्रमण एवं निवास की स्वतंत्रता।
  • वृत्ति, उपजीविका या कारोबार की स्वतंत्रता।
  • अपराध की दोषसिद्धि के विषय में संरक्षण।
  • व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा जीवन की सुरक्षा।
  • बंदीकरण की अवस्था में संरक्षण।
  • अनुच्छेद 21 क के अंतर्गत राज्य द्वारा 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को मूल अधिकारों के अंतर्गत 86 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया है। 

    Maulik adhikar

Right against exploitation शोषण के विरुद्ध अधिकार-

अनुच्छेद 23 से अनुच्छेद 24

  • मनुष्य के क्रय विक्रय और बेगार पर रोक- इसके द्वारा किसी व्यक्ति की खरीद-बिक्री, बेगारी तथा इसी प्रकार का अन्य जबरदस्ती लिया हुआ श्रम निषेध ठहराया गया है, जिस का उल्लंघन विधि के अनुसार दंडनीय अपराध है।
  • बच्चों की कारखानों, खानों आदि में नौकर रखने का निषेध-14 वर्ष से कम आयु वाले किसी बच्चे को कारखानों,खानों या अन्य किसी जोखिम भरे काम पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

 

 

.

Right to freedom of religion धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28

अनु0 25:अंतःकरण की स्वतंत्रता-कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को मान सकता है और उसका प्रचार प्रसार कर सकता है।

अनु0 26:धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता-व्यक्ति को अपने धर्म के लिए संस्थाओं की स्थापना व पोषण करने, विधि सम्मत संपत्ति के अर्जन, स्वामित्व व प्रशासन का अधिकार है।

अनु0 27:धार्मिक ब्यय के लिए निश्चित धन पर कर की अदायगी से छूट- राज्य किसी भी व्यक्ति को ऐसे कर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है जिसकी आय किसी विशेष धर्म अथवा धार्मिक संप्रदाय की उन्नति या पोषण में व्यय करने के लिए विशेष रूप से निश्चित कर दी गई है।

अनु0 28:शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने की स्वतंत्रता-राज्य विधि से पूर्णता पोषित किसी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी। ऐसे शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों को किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने या किसी धर्मोपदेश को बलात सुनने हेतु बाध्य नहीं कर सकते।

Right to Education संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार

अनुच्छेद 29 से अनुच्छेद 30

अनुच्छेद 29 -अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी भाषा लिपि और संस्कृति सुरक्षित रखने का अधिकार-कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रख सकता है और केवल भाषा, जाति, धर्म और संस्कृति के आधार पर उसे किसी भी सरकारी शैक्षिक संस्था में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा।

अनुच्छेद 30-अल्पसंख्यक वर्गों को शिक्षण संस्थाओं की स्थापना व प्रशासन का अधिकार-कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी पसंद का शैक्षणिक संस्था चला सकता है और सरकार उसे अनुदान देने में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करेगी।

Constitutional Remedies संवैधानिक उपचारों का अधिकार-

अनुच्छेद 32-इसके अंतर्गत मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्रवाई द्वारा उच्च न्यायालय में आवेदन करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय को 5 तरह के रिट निकालने का शक्ति प्रदान की गई है। जो निम्न प्रकार से है-
i) Habeas corpus बंदी प्रत्यक्षीकरण
ii) Mandamus परमादेश
iii) Prohibition प्रतिषेध लेख
iv) Certiorari उत्प्रेषण
v) Quo-warranto अधिकार पृच्छा लेख

i) Habeas corpus (बंदी प्रत्यक्षीकरण)

यह उस व्यक्ति की प्रार्थना पर जारी किया जाता है, जो यह समझता है कि उसे अवैध रूप से बंदी बनाया गया है। इसके द्वारा न्यायालय बंदीकरण करने वाले अधिकारी को आदेश देता है कि वह बंदी बनाए गए व्यक्ति को निश्चित स्थान और निश्चित समय के अंदर उपस्थित करें, जिससे न्यायालय बंदी बनाए जाने के कारणों पर विचार कर सके।

ii) Mandamus (परमादेश)

परमादेश का लेख उस समय जारी किया जाता है, जब कोई पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वाह नहीं करता है। इस प्रकार के आज्ञापत्र के आधार पर पदाधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश जारी किया जाता है।

iii) Prohibition (प्रतिषेध लेख)

यह आज्ञा पत्र सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों द्वारा निम्न न्यायालयों तथा अर्ध न्यायिक न्यायाधिकरणों को जारी करते हुए आदेश दिया जाता है कि इस मामले में अपने यहां कार्यवाही न करें,क्योंकि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है।

iv) Certiorari (उत्प्रेषण)


इसके द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों को यह निर्देश दिया जाता है कि वह अपने पास लंबित मुकदमों के न्याय निर्णयन के लिए उसे वरिष्ठ न्यायालय को भेजें।

v) Quo-warranto (अधिकार पृच्छा लेख)

जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रुप में कार्य करने लगता है, जिस के रूप में कार्य करने का उसे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है, तो न्यायालय अधिकार पृच्छा के आदेश के द्वारा उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस अधिकार से कार्य कर रहा है और जब तक वह इस बात का संतोषजनक उत्तर नहीं देता वह कार्य नहीं कर सकता है।

और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें....

History Of Indian Constitution भारतीय संविधान का इतिहास 
Prelude To Indian Constitution-भारतीय संविधान की प्रस्तावना 
Different Sources Of Indian Constitution-भारतीय संविधान के विभिन्न स्रोत 
Fundamental Rights Of Indian Constitution-भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार
Fundamental Duty Of The Indian Constitution-भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य 
Schedules Of Indian Constitution-भारतीय संविधान की अनुसूचियां 
Indian Constitution Amendment-भारतीय संविधान संशोधन 
Important Article Of Indian Constitution-भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद 
Different Parts Of Indian Constitution-भारतीय संविधान के विभिन्न भाग 
Important Quiz Related To Indian Constitution-भारतीय संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

Maulik adhikar