इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब थे। हजरत मोहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। हजरत मोहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्ला और माता का नाम अमीना था। हजरत मोहम्मद साहब को 610 ईसवी में मक्का के पास हीरा नामक गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। 24 सितंबर, 622 ईसवी को पैगंबर के मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत (हिजरी संवत) के नाम से जाना जाता है। मोहम्मद साहब की शादी 25 वर्ष की अवस्था में खदीजा नामक विधवा के साथ हुआ था। मोहम्मद साहब की पुत्री का नाम फातिमा एवं दामाद का नाम अली हुसैन था। देवदूत जिब्राईल ने पैगंबर मोहम्मद साहब को कुरान अरबी भाषा में संप्रेषित की थी। कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है।
पैगंबर मोहम्मद साहब ने कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया।
हजरत मोहम्मद साहब की मृत्यु 8 जून,632 ईस्वी को हुई थी इन्हें मदीना में दफनाया गया।
मोहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम सुन्नी तथा सिया दो पंथो में विभाजित हो गया।
सुन्नी उसे कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास करते हैं सुन्ना पैगंबर मोहम्मद साहब के कथन तथा कार्यों का विवरण है।
सीया अली की शिक्षाओं में विश्वास करते हैं तथा उन्हें मोहम्मद साहब का न्याय संगत उत्तराधिकारी मानते हैं। अली मोहम्मद साहब के दामाद थे।
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अली की 661 ईस्वी में में हत्या कर दी गई। अली के पुत्र हुसैन की हत्या 680 ईस्वी में कर्बला (ईरान) नामक स्थान पर कर दी गई। इन दोनों हत्या ने सिया को निश्चित मत का रूप दे दिया।
पैगंबर मोहम्मद साहब की उत्तराधिकारी खलीफा कहलाए।
इस्लाम जगत में खलीफा पद 1924 ईसवी तक रहा। 1924 ईस्वी में तुर्की के शासक मुस्तफा कमाल पाशा ने समाप्त कर दिया।
इब्न इशाक ने सर्वप्रथम पैगंबर साहब का जीवन चरित्र लिखा।
मोहम्मद साहब पैगंबर के जन्मदिन पर ईद ए मिलादुन्नबी पर्व मनाया जाता है।